धीरज- पिताजी का सबसे महत्वपूर्ण गुण है, कि वे सदैव हर समय धीरज से काम लेते हैं और कभी खुद पर से आपा नहीं खोते। हर परिस्थिति में वे शांति से सोच समझ कर आगे बढ़ते हैं और गंभीर से गंभीर मामलों में भी धैर्य बनाए रखते हैं।
संयम - मैने हमेशा पिता से सीखा है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमें अपने आप पर से नियंत्रण कभी नहीं खोना चाहिए। पिताजी हमेशा संयमित व्यवहारकुशलता से हर कार्य को सफलता पूर्वक समाप्त करते हैं। वे कभी मुझ पर या मां पर बिना वजह छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा नहीं करते।
अनुशासन- पिताजी हमेशा हमें अनुशासन में रहना सिखाते हैं और वे खुद भी अनुशासित रहते हैं। सुबह से लेकर रात तक उनकी पूरी दिनचर्या अनुशासित होती है। वे सुबह समय पर उठकर दैनिक कार्यों से नि़वृत्त होकर ऑफिस जाते हैं और समय पर लौटते हैं। वे प्रतिदिन शाम को मुझे बगीचे में घुमाने भी लेकर जाते हैं। इसके बाद वे मुझे स्कूल के सारे विषयों का अध्ययन करवाते हैं।
गंभीरता - पिताजी घर के सभी कार्यों और परिवार के सभी लोगों और उनके स्वास्थ्य के प्रति गंभीर होते हैं। वे कभी छोटी-छोटी बातों को भी नजर अंदाज नहीं करते बल्कि हर बात को गंभीरता से लेकर उसका महत्व हमें समझाते हैं