पाठ का सार : एक वन में सॉँप के हाथ से बालक की मृत्यु होती है। साँप को बाद में अपने कृत्य पर इतना अफ़सोस होता है की वह भगवान् से प्रार्थना करकर एक सपेरे के हाथ से अपने जहरीले दाँत निकलवा देता है। सपेरा जब शहर में सॉँप को अपनी बीन बजाकर इशारों पे नाचता है तो सौंप को समझता है की वह अपनी प्रतिकारशक्ती खो बैठा है। उसे अपनी इस भूल का पश्चात्ताप होता है।
एक वाक्य में उत्तर दो :
१. बालक हैंसता-हैंसता जमीं पर क्यों लोट गया?
उ. सॉँप के काटने से बालक हैंसता-हैंसता जमीं पर लोट गया।
२. सॉँप बच्चे को कैसे घेरकर बैठा था?
उ. सॉँप बच्चे को कुंडलाकार घेरकर बैठा था।
३. सपेरे के बीन बजने पर सॉँप ने क्या किया?
उ. सपेरे के बीन बजने पर सॉँप फन खोलकर खड़ा हो गया।
४. सपेरा किस प्रकार का सॉँप देखकर खुश हुआ?
उ. सपेरा ऐसा बड़ा, सुंदर, बलिष्ठ और तेजस्वी सॉँप देखकर खुश हुआ।