Chapter 4: आदर्श बदला
Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board chapter 4 - आदर्श बदला [Latest edition]
आकलन | Q 1 | Page 21
कृति पूर्ण कीजिए :
साधुओं की एक स्वाभाविक विशेषता - ____________
Solution:
साधुओं की एक स्वाभाविक विशेषता - एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहना और भजन तथा भक्तिगीत गाते-बजाते रहना।
आकलन | Q 2.1 | Page 21
लिखिए :
आगरा शहर का प्रभातकालीन वातावरण - ____________
Solution:
(१) फूल झूम रहे थे
(२) पक्षी मीठे गीत गा रहे थे
(३) पेड़ों की शाखाएँ खेलती थीं
(४) पत्ते तालियाँ बजाते थे।
आकलन | Q 2.2 | Page 21
लिखिए :
साधुओं की मंडली आगरा शहर में यह गीत गा रही थी - ____________
Solution:
सुमर-सुमर भगवान को,
मूरख मत खाली छोड़ इस मन को।
शब्द संपदा | Q 1 | Page 21
लिंग बदलिए :
साधु
Solution:
साधु - साध्वी
शब्द संपदा | Q 2 | Page 21
लिंग बदलिए :
नवयुवक
Solution:
नवयुवक - नवयुवती
शब्द संपदा | Q 3 | Page 21
लिंग बदलिए :
महाराज
Solution:
महाराज - महारानी
शब्द संपदा | Q 4 | Page 21
लिंग बदलिए :
दास
Solution:
दास - दासी
अभिव्यक्त | Q 1 | Page 21
‘मनुष्य जीवन मेंअहिंसा का महत्त्व’, इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Solution:
हिंसा क्रूरता और निर्यात की निशानी है। इससे किसी का भला नहीं हो सकता। इस संसार के सभी जीव ईश्वर की संतान हैं और समान हैं। सृष्टि में सबको जीने का अधिकार है। कोई कितना भी शक्तिमान क्यों न हो, किसी को उससे उसका जीवन छीनने का अधिकार नहीं है। जब कोई किसी को जीवन दे नहीं सकता तब वह किसी का जीवन ले भी नहीं सकता। बड़े-बड़े मनुष्य और महापुरुषों ने अहिंसा को ही धर्म कहा है - अहिंसा परमो धर्म। अहिंसा का अस्त्र सबसे बड़ा माना जाता है। राष्ट्रपति महात्मा गांधी ने अहिंसा के बल पर शक्तिशाली अंग्रेज सरकार को झुका दिया था और अंग्रेज सरकार देश को आजाद करने पर विवश हो गई थी। जीवन का मूलमंत्र 'जियो और जीने दो है। किसी के प्रति ईर्ष्या की भावना रखना या किसी का नुकसान करना भी एक प्रकार की हिंसा है। इससे हमें बचना चाहिए।
अभिव्यक्त | Q 2 | Page 21
‘सच्चा कलाकार वह होता हैजो दूसरों की कला का सम्मान करता है’, इस कथन पर अपना मत व्यक्त कीजिए ।
Solution:
कलाकार को कोई कला सीखने के लिए गुरु के सान्निध्य में रह कर वर्षों तक तपस्या करनी पड़ती है। कला की छोटी छोटी बारीक बातों की जानकारी करनी पड़ती है। इसके साथ ही निरंतर रियाज करना पड़ता है। गुरु से कला की जानकारियां प्राप्त करते-करते अपनी कला में वह प्रवेश होता है। सच्चा कलाकार किसी कला को सीखने की प्रक्रिया में होने वाली कठिनाइयों से परिचित होता है। इसलिए उसके दिल में अन्य कलाकारों के लिए सदा सम्मान की भावना होती । वह छोटे-बड़े हर कलाकार को समान समझता है और उनकी कला का सम्मान करता है। सच्चे कलाकार का यही धर्म है। इससे कला को प्रोत्साहन मिलता है और वह फूलती-फलती है।
पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न | Q 1 | Page 21
‘आदर्श बदला’ कहानी केशीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
Solution:
अपने पिता को मृत्युदंड दिए जाने पर बैजू विक्षिप्त हो गया था। और अपनी कुटिया में विलाप कर रहा था। उस समय बाबा हरिदास ने उसकी कुटिया में आकर उसे ढाढ़स बँधाया था। तब बालक बैजू ने बाबा को बताया था कि उसे अब बदले की भूख है। वे उसकी इस भूख को मिटा दें। बाबा हरिदास ने उसे वचन दिया था कि वे उसे ऐसा हथियार देंगे, जिससे वह अपने पिता की मौत का बदला ले सकेगा।
बाबा हरिदास ने बारह वर्षों तक बैजू को संगीत की हर प्रकार की बारीकियाँ सिखाकर उसे पूर्ण गंधर्व के रूप में तैयार कर दिया। मगर इसके साथ ही उन्होंने उससे यह वचन भी ले लिया कि वह इस राग विद्या से किसी को हानि न पहुँचाएगा।
इसके बाद वह दिन भी आया जब बैजू आगरा सड़कों पर गाता हुआ निकला और उसके पीछे उसकी कला के प्रशंसकों की अपार भीड़ थी। आगरा में गाने के नियम के अनुसार उसे बादशाह के समक्ष पेश किया गया और शर्त के अनुसार तानसेन से उसकी संगीत प्रतियोगिता हुई, जिसमें उसने तानसेन को बुरी तरह परास्त कर दिया। तानसेन बैजू बावरा के पैरों पर गिरकर अपनी जान की भीख माँगने लगा। इस मौके पर बैजू बावरा उससे अपने पिता की मौत का बदला लेकर उसे प्राणदंड दिलवा सकता था। पर उसने ऐसा नहीं किया। बैजू ने तानसेन की जान बख्श दी। उसने उससे केवल इस निष्ठुर नियम को उड़वा देने के लिए कहा, जिसके अनुसार किसी को आगरे की सीमाओं में गाने और तानसेन की जोड़ का न होने पर मरवा दिया जाता था। इस तरह बैजू बावरा ने तानसेन का गर्व नष्ट कर उसे मुँह की खिलाकर उससे अनोखा बदला लेकर उसे श्रीहीन कर दिया था। यह अपनी तरह का आदर्श बदला था। समूची कहानी इस बदले के आसपास घूमती है। इसलिए 'आदर्श बदला' शीर्षक इस कहानी के उपयुक्त है।
पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न | Q 2 | Page 21
‘बैजूबावरा संगीत का सच्चा पुजारी है’, इस विचार को स्पष्ट कीजिए ।
Solution:
सच्चा कलाकार उसे कहते हैं, जिसे अपनी कला से सच्चा लगाव हो। वह अपने गुरु की कही हुई बातों पर अमल करे तथा गुरु से विवाद न करे। इसके अलावा उसे अपनी कला पर अहंकार न हो। बैजू बावरा ने बारह वर्ष तक बाबा हरिदास से संगीत सीखने की कठिन तपस्या की थी। वह उनका एक आज्ञाकारी शिष्य था। उसकी संगीत शिक्षा पूरी हो जाने के बाद बाबा हरिदास ने जब उससे यह प्रतिज्ञा करवाई कि वह इस राग विद्या से किसी को हानि नहीं पहुँचाएगा, तो भी उसने रक्त का घूँट पी कर इस गुरु आदेश को स्वीकार कर लिया था, जबकि उसे मालूम था कि इससे उसके हाथ में आई हुई प्रतिहिंसा की छुरी कुंद कर दी गई थी। फिर भी गुरु के सामने उसके मुँह से एक शब्द भी नहीं निकला।
बैजू बावरा की संगीत कला की धाक दूर-दूर तक फैल गई थी। उसके संगीत में जादू का असर था। बैजू बावरा का संगीत ज्ञान पर तानसेन की तरह कोई अधिकार नहीं था। बल्कि इसके विपरीत उसके हृदय में दया की भावना थी। गानयुद्ध में तानसेन को पराजित करने पर भी वह अपनी जीत और संगीत का प्रदर्शन नहीं करता। बल्कि वह तानसेन को जीवनदान दे देता है। वह उससे केवल यह माँग करता है कि वह इस नियम को खत्म करवा दे कि जो कोई आगरा की सीमा के अंदर गाए, वह अगर तानसेन की जोड़ का न हो, तो मरवा दिया जाए। उसकी इस मांग में भी गीत-संगीत की रक्षा करने की भावना निहित है।
इस प्रकार इसमें कोई संदेह नहीं है कि बैजू बावरा संगीत का सच्चा प्यार था।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 1 | Page 22
सुदर्शन जी का मूल नाम : ____________
Solution:
सुदर्शन जी का मूल नाम : सुदर्शन जी का मूल नाम बद्रीनाथ है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 2 | Page 22
सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है : ____________
Solution:
सुदर्शन ने इस लेखक की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है : सुदर्शन ने मुंशी प्रेमचंद की लेखन परंपरा को आगे बढ़ाया है।
Balbharati Solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board Chapterwise List.
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Chapter 3: सच हम नहीं; सच तुम नहीं
Chapter 10: ओजोन विघटन का संकट
Chapter 12: सुनु रे सखिया, कजरी
Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव