Chapter 6: पाप के चार हथि यार
Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board chapter 6 - पाप के चार हथि यार [Latest edition]
आकलन | Q 1 | Page 34
कृति पूर्ण कीजिए:
पाप के चार हथियार ये हैं -
(१) ____________
(२) ____________
(३) ____________
(4) ____________
Solution:
(१) उपेक्षा
(२) निंदा
(३) हत्या
(४) श्रद्धा
आकलन | Q 2 | Page 34
कृति पूर्ण कीजिए:
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का कथन - ____________
Solution:
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ का कथन - जॉर्ज बर्नार्ड शॉ कहते हैं कि लोग उनकी बातों को दिल्लगी समझकर उड़ा देते हैं। लोग उनकी उपेक्षा करते हैं और उनकी बातों पर गौर नहीं करते।
शब्द संपदा | Q 1 | Page 34
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
जिसे व्यवस्थित न गढ़ा गया हो - ____________
Solution:
जिसे व्यवस्थित न गढ़ा गया हो - अनगढ़
शब्द संपदा | Q 2 | Page 34
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
निंदा करने वाला - ____________
Solution:
निंदा करने वाला - निंदक
शब्द संपदा | Q 3 | Page 34
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
देश के लिए प्राणों का बलिदान देने वाला - ____________
Solution:
देश के लिए प्राणों का बलिदान देने वाला - शहीद
शब्द संपदा | Q 4 | Page 34
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :
जो जीता नहीं जाता - ____________
Solution:
जो जीता नहीं जाता - अजेय
अभिव्यक्ति | Q 1 | Page 34
'समाज सुधारक समाज में व्याप्त बुराइयों को पूर्णतः समाप्त करने में विफल रहे', इस कथन पर ना मत प्रकट कीजजए।
Solution:
संसार में अनेक महान समाज सुधारक हुए हैं। वे अपने समाज सुधार के कार्यों से अपना नाम अमर कर गए हैं। हर युग में अनेक समाज सुधारक समाज को सुधारने का कार्य करते रहे हैं, पर समाज में व्याप्त बुराइयों की तुलना में उनकी संख्या नगण्य है। इसके अलावा समाज सुधारकों को जनता का पर्याप्त सहयोग भी नहीं मिल पाता। इसलिए वे अपने कार्य में पूर्णतः सफल नहीं हो पाते। इतना ही नहीं, भिन्न-भिन्न कारणों से समाज विरोधी तत्त्व भी अपने स्वार्थ के कारण समाज सुधारकों के दुश्मन बन जाते हैं। इससे समाज सुधारकों के कार्य में केवल अड़चनें ही नहीं आतीं, बल्कि उनकी जान पर भी बन आती है। इसलिए समाज सुधारकों के लिए समाज में व्याप्त बुराइयों को पूरी तरह समाप्त करना संभव नहीं हो पाया। आए दिन लोगों के प्रति होने वाले अन्याय और अत्याचार की घटनाएँ इस बात का सबूत हैं कि समाजसुधारक समाज में व्याप्त बुराइयों को पूर्णतः समाप्त करने में विफल रहे हैं।
अभिव्यक्ति | Q 2 | Page 34
'लोगों के सक्रिय सहभाग से ही समाज सुधारक का कार्य सफल हो सकता है', इस विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
Solution:
समाज सुधार कोई छोटा-मोटा काम नहीं है। इसका दायरा विशाल है। इस कार्य को करने का बीड़ा उठाने वाले को इस कार्य में निरंतर रत रहना पड़ता है। किसी भी अकेले व्यक्ति के वश का यह काम नहीं है। इस कार्य को सुचारु रूप से संपन्न करने के लिए समाज सुधारक को समाज के प्रतिनिधियों एवं निष्ठावान कार्यकर्ताओं का सहयोग लेना आवश्यक होता है। समाज में तरह तरह की विकृतियाँ होती हैं। उनके बारे में जानकारी करने और उन्हें दूर करने के लिए समाज के लोगों का सहयोग प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त किसी भी सामाजिक बुराई के पीछे विभिन्न कारणों से कुछ लोगों का स्वार्थ भी होता है। ऐसे लोगों से निपटे बिना उसे दूर नहीं किया जा सकता। बिना लोगों के सक्रिय सहयोग से ऐसे समाज विरोधी तत्वों से पार पाना संभव नहीं हो पाता। इसलिए इन सभी बातों को ध्यान में रखकर समाज सुधारक को लोगों का सक्रिय सहयोग लेना आवश्यक है। लोगों के सक्रिय सहयोग से ही वह अपने कार्य में सफल हो सकता है।
पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न | Q 1 | Page 35
‘पाप के चार हथियार’ पाठ का संदेश लिखिए।
Solution:
'पाप के चार हथियार' पाठ में लेखक कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर' ने एक ज्वलंत समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया है। संसार में चारों ओर पाप, अन्याय और अत्याचार व्याप्त है, फिर भी कोई संत, महात्मा, अवतार, पैगंबर या सुधारक इससे मुक्ति का मार्ग बताता है, तो लोग उसकी बातों पर ध्यान नहीं देते और उसकी अवहेलना करते हैं। उसकी निंदा करते हैं। इतना ही नहीं, इस प्रकार के कई सुधारकों को तो अपनी जान तक गँवा देनी पड़ी है। लेकिन यही लोग सुधारकों, महात्माओं की मृत्यु के पश्चात उनके स्मारक और मंदिर बनाते हैं और उनके विचारों और कार्यों का गुणगान करते नहीं थकते। जो लोग सुधारक के जीवित रहते उसकी बातों को अनसुना करते रहे, उसकी निंदा करते रहे और उसकी जान के दुश्मन बने रहे, उसकी मृत्यु के पश्चात उन्हीं लोगों के मन में उसके लिए श्रद्धा की भावना उमड़ पड़ती है और वे उसके स्मारक और मंदिर बनाने लगते हैं।
इस प्रकार लेखक ने 'पाप के चार हथियार के द्वारा यह संदेश दिया है कि सुधारकों और महात्माओं के जीते जी उनके विचारों पर ध्यान देने और उन पर अमल करने से ही समस्याओं का समाधान होता है, न कि स्मारक और मंदिर बनाने से।
पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न | Q 2 | Page 35
‘पाप के चार हथियार’ निबंध का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
Solution:
संसार में पाप, अत्याचार और अन्याय का बोलबाला रहा है और आज भी वह वैसा ही है। इससे लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए अनेक महापुरुषों, सुधारकों, समाज सेवकों एवं संत महात्माओं ने अथक प्रयास किया, पर वे अपने प्रयास में सफल नहीं हो पाए। उल्टे उन्हें समाज के लोगों की उपेक्षा तथा निंदा आदि का शिकार होना पड़ा और कुछ लोगों को अपनी जान भी गँवानी पड़ी। पर देखा यह गया है कि जीते जी जिन सुधारकों और महापुरुषों को समाज का सहयोग नहीं मिला और उनकी अवहेलना होती रही, मरने के बाद उनके स्मारक और मंदिर भी बने और लोगों ने उन्हें भगवान-सुधारक कह कर वंदनीय भी बताया।
यहाँ लेखक यह कहना चाहते हैं कि मरणोपरांत सुधारक का स्मारक-मंदिर बनना सुधारक और उसके प्रयासों दोनों की पराजय है। अच्छा तो तब होता, जब लोग सुधारक के जीते जी उसके विचारों को अपनाते और पाप, अत्याचार और अन्याय जैसी बुराइयों के खिलाफ संघर्ष में उसका सहयोग करते और समाज से इन बुराइयों के दूर होने में सहायक बनते। इससे सुधारक समाज को पाप, अन्याय, भ्रष्टाचार और अत्याचार जैसी बुराइयों से मुक्ति दिलाने में सफल हो सकता था। लोगों को सुधारक की उपेक्षा, निंदा अथवा उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने के बजाय उनके अभियान में अपना पूरा सहयोग देना चाहिए। तभी समाज से ये बुराइयाँ दूर हो सकती हैं। यही इस पाठ का उद्देश्य है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 1 | Page 35
कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ जी के निबंध संग्रहों के नाम लिखिए - __________________
Solution:
कन्हैयालाल मिश्र 'प्रभाकर जी के निबंध संग्रहों के नाम हैं - (1) जिंदगी मुस्कुराई (2) बाजे पायलिया के घुँघरू (3) जिंदगी लहलहाई (4) महके आँगन - चहके द्वार।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 2 | Page 35
लेखक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ जी की भाषा शैली - __________________
Solution:
कन्हैयालाल मिश्र जी कथाकार, निबंधकार एवं पत्रकार थे। आपकी भाषा मँजी हुई, सहज-सरल और मुहावरेदार है, जो कथ्य को दृश्यमान और सजीव बना देती है। आपके लेखन में तत्सम शब्दों का प्रयोग भारतीय चिंतन-मनन को अधिक प्रभावशाली बना देता है। आप एक सफल निबंधकार थे। आप में अपने विषय को प्रखरता से प्रस्तुत करने की सामर्थ्य है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 1 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
संयोग से तभी उन्हें कहीं से तीन सौ रुपये मिल गए ।
Solution:
सरल वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 2 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
यह वह समय था जब भारत में अकबर की तूती बोलती थी।
Solution:
मिश्र वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 3 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
सुधारक होता है करुणाशील और उसका सत्य सरल विश्वासी ।
Solution:
संयुक्त वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 4 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
फिर भी सावधानी तो अपेक्षित है ही।
Solution:
सरल वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 5 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
यह तस्वीर नि:संदेह भयावह है लेकिन इसे किसी भी तरह अतिरंजित नहीं कहा जाना चाहिए।
Solution:
मिश्र वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 6 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
आप यहीं प्रतीक्षा कीजिए।
Solution:
सरल वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 7 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
निराला जी हमें उस कक्ष में ले गए जो उनकी कठोर साहित्य साधना का मूक साक्षी रहा है।
Solution:
मिश्र वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 8 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
लोगों ने देखा और हैरान रह गए।
Solution:
संयुक्त वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 9 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
सामने एक बोर्ड लगा था जिस पर अंग्रेजी में लिखा था ।
Solution:
मिश्र वाक्य
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 10 | Page 35
रचना के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद पहचानिए :
ओजोन एक गैस है जो ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनी होती है।
Solution:
मिश्र वाक्य
Balbharati Solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board Chapterwise List.
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Chapter 3: सच हम नहीं; सच तुम नहीं
Chapter 10: ओजोन विघटन का संकट
Chapter 12: सुनु रे सखिया, कजरी
Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव