Chapter 9: चुनिंदा शेर
Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board chapter 9 - चुनिंदा शेर [Latest edition]
आकलन | Q 1.1 | Page 49
लिखिए :
परिंदों को यह शिकायत है - ________________________
Solution:
परिंदों को यह शिकायत है - परिंदों को यह शिकायत है, हे मालिक कभी तो हमारी बात सुनो। ऐसा प्रतीत होता है कि जो दाना आपकी कृपा से हमें प्राप्त होता है, उसमें भी कीड़े लगे हैं।
आकलन | Q 1.2 | Page 49
लिखिए :
नदी के प्रति उत्तरदायित्व - ________________________
Solution:
नदी के प्रति उत्तरदायित्व - हमारी संस्कृति में नदी को माता के रूप में पूजा जाता है। नदी मानव सभ्यता के लिए जीवनदायिनी का काम करती है। इस नदी रूपी माता के लिए हमारा भी कुछ उत्तरदायित्व है। हमें नदी को स्वच्छ रखना चाहिए। कूड़ा-कचरा, रसायन नदी में नहीं डालने चाहिए।
आकलन | Q 2.1 | Page 49
परिणाम लिखिए :
पानी सर से गुजर जाएगा तो - ________________________
Solution:
पानी सर से गुजर जाएगा तो - पानी सर से गुजर जाएगा तो - पानी सर से गुजर जाने का अर्थ है परिस्थिति का हाथों से निकल जाना। ऐसी स्थिति आने पर या तो व्यक्ति बिलकुल हताश हो जाता है या विद्रोही बनकर न करने योग्य कार्य भी कर गुजरता है।
आकलन | Q 2.2 | Page 49
परिणाम लिखिए :
कवि जिंदगी के सवालों में खो गए - ________________________
Solution:
कवि जिंदगी के सवालों में खो गए - कवि जिंदगी के सवालों में खो गए तब ऐसा हुआ कि कवि के सवालों के जवाब उनके उजालों में खो गए।
शब्द संपदा | Q 1 | Page 49
पाठ में आए चार उर्दू शब्द और उनके हिंदी अर्थ :
____________ = ____________
____________ = ____________
____________ = ____________
____________ = ____________
Solution:
(१) खुशबू - सुगंध
(२) परिंदे - पक्षी
(३) ख्वाब - स्वप्न
(४) जिंदगी - जीवन
अभिव्यक्त | Q 1 | Page 49
‘आकाश केतारेतोड़ लाना’, इस मुहावरेको स्पष्ट कीजिए।
Solution:
आकाश के तारे तोड़ लाना मुहावरे का अर्थ है असंभव काम करना। जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे कार्य की पूर्ति कर दे, जिसे कर पाना असंभव माना जा रहा हो तब उसके इस असंभव कार्य के लिए उपर्युक्त मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। असीमित कठिनाइयों से भरा कोई काम, जिसे कर पाने में सभी असहज हों, वह कार्य विशेष कर पाना सभी को असंभव लगे, तब यह मुहावरा दोहराया जाता है। जैसे तुम्हें क्या लगता है कि नलिन कुछ कर नहीं सकता। अरे... समय आने पर वह आकाश के तारे भी तोड़कर ला सकता है।
अभिव्यक्त | Q 2 | Page 49
‘क्रांति कभी भी अपने-आप नहीं आती; वह लाई जाती है’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
Solution:
क्रांति अर्थात बदलाव लाना। बदलाव शासन व्यवस्था के प्रति हो सकता है या फिर किसी सामाजिक प्रथा के विरोध में। क्रांति कभी भी अपने-आप नहीं आती। क्रांति के लिए मानव को ही प्रयास करना पड़ता है। कोई व्यवस्था अथवा रूढ़ि भले ही जर्जर हो चुकी हो, समाज के विकास के लिए अहितकर बन रही हो। अगर हम उसे बदलने के लिए क्रांतिकारी कदम नहीं उठाएँगे, तो हमारा समाज प्रगति नहीं कर पाएगा, कूपमंडूक बना रहेगा। इतिहास साक्षी है कि जब-जब मानव ने नए सिद्धांतों को, नई खोजों को अपने, समाज निरंतर विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता रहा।
रसास्वादन | Q 1 | Page 49
कवि की भावुकता और संवेदनशीलता को समझते हुए ‘चुनिंदा शेर’ का रसास्वादन कीजिए ।
Solution:
कवि अपनी जिंदगी में आई परेशानियों से अप्रभावित हुए बिना उनका इस प्रकार सामना करते रहे कि वहीं से मानो उजाले फूट पड़े। सारी परेशानियाँ इस प्रकार समाप्त हो गईं मानो कभी थीं ही नहीं। हर सुबह हमारे लिए एक नया संदेश लेकर आती है। रात्रि के घोर अंधकार में जुगनू द्वारा फैलाए गए हल्के से प्रकाश में भी आशा की एक किरण छिपी होती है। कवि नित्य नए सपने देखता था, जागती आँखों के सपने। वह नहीं जानता था कि उसके सपनों में, उसके विचारों में क्रांति का बीज छिपा है। उसके द्वारा आसमान पर लिखे गए सपने एक दिन क्रांति का रूप ले लेंगे। हँसी और आँसू मनुष्य के जीवन के दो अंग हैं। परंतु आज हर मनुष्य अपने जीवन की विसंगतियों से इस कदर त्रस्त है कि वह नहीं चाहता कि दूसरा कोई भी अपने आँसुओं से उसका कंधा भिगोए। अतः हमें अपने चेहरे पर एक मुखौटा लगाकर अपने आँसुओं को हँसी से छिपा लेना चाहिए। ईश्वर फकीरों, साधुओं और समाज की भलाई की इच्छा रखने वाले लोगों को ऐसी शक्ति प्रदान करता है कि उनके मुख से निकले आशीर्वाद सच होने लगते हैं। ऐसे लोगों की आँखें मानो करुणा और स्नेह बरसाती रहती हैं। हर मनुष्य की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। प्रतिकूल परिस्थितियों, असफलताओं और अन्याय को सहन करने की शक्ति जिस दिन समाप्त हो जाएगी, उस व्यक्ति का विवेक उसका साथ छोड़ देगा। वह दिन बस विद्रोह का दिन होगा। जीवन में निरंतर मिलती निराशाओं के कारण आँखों से आँसू इस प्रकार बहते रहते हैं मानो बाढ़ आ गई हो। कभी-कभी तो ऐसा प्रतीत होता है कि यह जीवन नहीं, बल्कि आषाढ़ का महीना है और निरंतर बादल बरस रहे हैं। एक मेहनतकश इन्सान जेठ मास की कड़कती हुई धूप में नंगे पाँव डामर की जलती सड़क पर चला जा रहा है। उसके पैरों की उँगलियाँ जल रही हैं। साथ ही दिलोदिमाग में निराशा और हताशा की आँधियाँ चल रही हैं, बिजलियाँ घुमड़ रही हैं। मनुष्य की साँसें निश्चित हैं अर्थात प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में कितना आयुष्य पाएगा, कितनी साँसें ले पाएगा, यह पूर्वनिश्चित है। कवि को ऐसा महसूस होता है मानो उनकी साँसें उनकी अपनी नहीं हैं। अपनी साँसों पर उनका कोई अधिकार नहीं है। इस संसार में अनगिनत लोग ऐसे हैं, जिनमें से किसी का सिर खुला है, तो किसी के पैर चादर से बाहर हैं। ये लोग अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति भी नहीं कर पाते। हे ईश्वर ऐसा कुछ करो कि सभी लोगों को आवश्यकता की हर चीज मिले। सभी अपना भरण-पोषण उचित ढंग से कर सकें। कल भूख और बीमारी के कारण जिस मजदूर की साँसें बंद हो गई, जो इस निर्मोही दुनिया को छोड़कर चला गया, वह अनपढ़ था, निरक्षर था। परंतु उसके भी अनगिनत सपने थे। सपने देखने के लिए किसी भी प्रकार की साक्षरता की आवश्यकता नहीं होती। वह रोज अपनी इच्छाओं, आकांक्षाओं को मानो किताब में लिखता रहता था।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 1 | Page 50
कैलाश सेंगर जी की प्रसिद्ध रचनाओं के नाम - ________________________
Solution:
(१) सूरज तुम्हारा है (गजल संग्रह)
(२) यहाँ आदमी नहीं, जूते भी चलते हैं
(३) सुबह होने का इंतजार (कहानी संग्रह)
(४) अभी रात बाकी है (अनूदित साहित्य)
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 2 | Page 50
गजल इस भाषा का लोकप्रिय काव्य प्रकार है - ____________
Solution:
गजल इस भाषा का लोकप्रिय काव्य प्रकार है - उर्दू
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 1 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
एक-एक क्षण आपको भेंट कर देता हूँ । (सामान्य भविष्यकाल)
Solution:
एक-एक क्षण आपको भेंट कर दूँगा।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 2 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
बैजू का लहू सूख गया है । (सामान्य भूतकाल)
Solution:
बैजू का लहू सूख गया।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 3 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
मन बहुत दुखी हुआ था । (अपूर्ण भूतकाल)
Solution:
मन बहुत दुखी हो रहा था।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 4 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
पढ़-लिखकर नौकरी करने लगा । (पूर्ण भूतकाल)
Solution:
पढ़-लिखकर नौकरी करने लगा था।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 5 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
यात्रा की तिथि भी आ गई । (सामान्य वर्तमानकाल)
Solution:
यात्रा की तिथि भी आ जाती है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 6 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
में पता लगाकर आता हूँ। (सामान्य भविष्य काल)
मैं पता लगाकर आऊँगा।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 7 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
गर्ग साहब ने अपने वचन का पालन किया । (सामान्य भविष्यकाल)
Solution:
गर्ग साहब अपने वचन का पालन करेंगे।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 8 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
मौसी कुछ नहीं बोल रही थी । (अपूर्ण वर्तमानकाल)
Solution:
मौसी कुछ नहीं बोल रही है।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 9 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
सुधारक आते हैं । (पूर्ण भूतकाल)
Solution:
सुधारक आए थे।
साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान | Q 10 | Page 50
कोष्ठक मेंदी गई सूचना केअनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए :
प्रकाश उसमें समा जाता है। (सामान्य भूतकाल)
Solution:
प्रकाश उसमें समा जाता था।
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Chapter 3: सच हम नहीं; सच तुम नहीं
Chapter 10: ओजोन विघटन का संकट
Chapter 12: सुनु रे सखिया, कजरी
Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव