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Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board chapter 18 - प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव [Latest edition]

Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव

Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 12th Standard HSC Maharashtra State Board chapter 18 - प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव [Latest edition]

पाठ पर आधारित | Q 1 | Page 104

प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों द्‌वारा प्रकाश उत्पन्न करने के उद्देश्यों की जानकारी दीजिए ।

Solution: 

हम कोई भी काम करते हैं, तो उसके पीछे हमारा कोईन-कोई उद्देश्य होता है। उसी तरह प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों का भी प्रकाश उत्पन्न करने के पीछे सार्थक उद्देश्य होता है।

वातावरण में लाखों कीट-पतंगे उड़ते रहते हैं। प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों का अँधेरे में प्रकाश उत्पन्न करने का एक कारण उजाले में अपने साथी की खोज करना होता है। इसके अलावा प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव इससे संकेतों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

जीवों द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने का दूसरा उद्देश्य उजाले में अपने शिकार को खोजना होता है। वह उजाले में शिकार को स्पष्ट रूप से देखकर उसे अपना शिकार बना सकता है। कुछ जीव अपने प्रकाश से शिकार को आकर्षित करने का काम भी करते हैं। प्रकाश से आकर्षित होकर शिकार जब उसके पास आता है, तो वह आसानी से उसे अपना शिकार बना लेता है।

कुछ जीव, विशेषकर मछलियां, कामाफ्लास के लिए प्रकाश उत्पन्न करते हैं। इस प्रकाश में वे अपने परिवेश से इतना घुल-मिल जाते हैं कि सरलता से वे दिखाई नहीं देते। इससे उन जीवों को शिकार करने और अपने आप को सुरक्षित रखने में सुविधा होती है।

जीवों द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने का उद्देश्य आत्मरक्षा करना भी होता है। सागरों और महासागरों में पाए जाने वाले कुछ जीव अपने प्रकाश उत्पादक अंगों से प्रकाश उत्पन्न करते हैं। ये स्क्विड के समान अपने शरीर से एक विशेष प्रकार का तरल रसायन छोड़ते हैं, जो पानी में मिलकर चमकीला प्रकाश-सा हो जाता हैं। इससे उनका शत्रु उन्हें देख नहीं पाता है और वे वहाँ से भागने में सफल हो जाते हैं।

इस प्रकार प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने के कई सार्थक उद्देश्य होते हैं।


पाठ पर आधारित | Q 2 | Page 104

प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों की वैज्ञानिक अध्ययन की दृष्टि से जानकारी लिखिए ।

Solution: 

प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों के बारे में किए गए विभिन्न अध्ययनों से वैज्ञानिकों को अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त हुई हैं। प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव जमीन और जल दोनों स्थानों पर पाए जाते हैं। जल में पाए जाने वाले ये जीव तालाबों और नदियों के जल में नहीं पाए जाते। प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव खारे जल वाले गहरे समुद्रों में पाए जाते हैं। इनमें जेलीफिश, स्क्विड, क्रिल तथा विभिन्न जातियों वाले झींगे मुख्य हैं।

वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव दो प्रकार से प्रकाश उत्पन्न करते हैं - एक तो अपने शरीर पर पाए जाने वाले जीवाणुओं के माध्यम से, दूसरे रसायन के पदार्थों को पारस्परिक क्रिया के द्वारा। जीवाणुओं द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों के पूरे शरीर पर प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवाणु रहते हैं। ये निरंतर प्रकाश उत्पन्न करते रहते हैं। इन जीवों में इस प्रकाश को ढकने अथवा प्रकाश वाले भाग को अपने शरीर के अंदर खींचने की क्षमता होती है। अतः वे अपनी आवश्यकता के अनुसार इस प्रकाश का उपयोग करते हैं। रसायनों के द्वारा प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों के शरीर में ल्यूसीफेरिन (Luciferin) और ल्युसिफेरेस (Luciferase) नामक रसायन होते हैं। इन दोनों रसायनों की सहायता से ये जीव प्रकाश उत्पन्न करते हैं।

अधिकांश जीव जीवाणुओं द्वारा अथवा रासायनिक क्रिया द्वारा प्रकाश उत्पन्न करते हैं। पर कुछ ऐसे भी जीव होते हैं, जिनके शरीर पर न तो प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवाणु रहते हैं और न ही उनके शरीर पर रसायन उत्पन्न करने वाले अंग ही होते हैं। फिर भी ये प्रकाश उत्पन्न करते हैं। इन जीवों के शरीर में विशेष प्रकार के द्रव पदार्थ वाली ग्रंथि होती है। यह द्रव पदार्थ पानी के संपर्क में आते ही प्रकाश उत्पन्न करता है। समुद्र में पाए जाने वाले प्रकाश उत्पादक जीवों के लिए पानी आवश्यक होता है। ये जीव पानी के बाहर प्रकाश उत्पन्न नहीं कर सकते।

प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों की संख्या काफी है। जीव वैज्ञानिक अभी प्रकाश उत्पन्न करने वाले नए-नए जीवों की खोज कर रहे हैं तथा उनके द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले प्रकाश पर शोध कर रहे हैं।


व्यावहारिक प्रयोग | Q 1 | Page 104

समुद्री जीवों पर शोधपूर्ण आलेख पढ़ें।

Solution: 

पृथ्वी के तीन चौथाई हिस्से पर समुद्र की विशाल जल राशि व्याप्त है। इस जल राशि में समुद्री जीवों की विचित्र दुनिया है। ऐसी दुनिया जिसके बारे में जानकर दाँतों तले ऊँगली दबा लेनी पड़ती है।

समुद्र बड़े-छोटे, रंगबिरंगे, खतरनाक विषैले जीवों तथा प्रकाश उत्पन्न करने वाले असंख्य जीवों से भरा पड़ा है।

एक ओर जहाँ समुद्र में पाए जाने वाले जीवों पर आधारित मत्स्य उद्योग, सजावटी सामानों तथा अन्य अनेक वस्तुओं के व्यवसाय फल-फूल रहे हैं, वहीं समुद्र में अभी भी ऐसे अनेक जीव हैं जिनके बारे में हम जानते तक नहीं।

समुद्र के अद्भुत संसार में पाया जाने वाला अद्भुत जीव है व्हेल। यह समुद्र का सबसे बड़ा जीव है। इसकी लंबाई २५ मीटर और वजन १५० से १८० टन तक होता है। गहरे पानी में पाया जाने वाला यह जीव साँस लेने के लिए जब अपने सिर में बने छेद से पानी फेंकता है तो लगता है, जैसे बादल फटकर बरसात हो रही हो। विशाल जीवों में खतरनाक शार्क मछली भी मशहूर है। यह इतनी खतरनाक होती है कि अन्य समुद्री जीव इससे दूरी बनाकर चलते हैं। समुद्र में बिजली की तरह करंट मारने वाली दो मीटर लंबी बामी मछली की शकल-सूरत वाली एक मछली पाई जाती है, जिसका नाम है ईल। इसके शरीर में ८६० वॉट का करंट प्रवाहित होता है। यह अपने इस करंट से मगर जैसे खतरनाक जीव को भी मार डालती है। समुद्र में पाई जाने वाली सॉर्ड फिश चपटे और बहुत बड़े आकार की होती है। उसका थूथना नुकीला होता है और वजन ६०० किलो तक का होता है। स्टिंग रे फिश का आकार हवाई जहाज जैसा होता है और इसके जबड़े के पास वाले दो बड़े-बड़े कांटे बहुत विषैले होते हैं। विषैली मछलियों में जेली फिश का भी समावेश हैं। यह पारदर्शी होती है और इसके शरीर से लटकने वाले रेशे बहुत विषैले होते हैं। इसलिए इसे पकड़कर उठाते समय बहुत सावधानी बरतनी पड़ती हैं।

समुद्र में कुछ ऐसी मछलियां भी पाई जाती हैं, जो उड़ सकती हैं। इन्हें फ्लाइंग फिश के नाम से जाना जाता है। ये पानी की सतह के ऊपर तेज गति से उड़ती हुई जाती हैं। ये मछलियाँ आकार में छोटी होती हैं। समुद्र में तीक्ष्ण दाँतों वाली पॉफर नाम की एक विचित्र मछली पाई जाती है। वह सामान्य मछलियों की तरह लंबी होती है पर छूने पर यह गोल आकार धारण कर लेती है।

समुद्र सी-हार्स, शील, डॉल्फिन, लायन फिश, शंख, सीपियों, धोंधों, केकड़ों, कछुओं तथा विभिन्न प्रकार के साँपों से भरा हुआ है। इसमें तरह-तरह की हजारों किस्म की रंग बिरंगी मछलियां पाई जाती हैं।

इसके अलावा समुद्र में प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों का विशाल संसार है। ये जीव अपने शिकार करने अथवा अपनी आत्मरक्षा के लिए प्रकाश उत्पन्न करते हैं। इन जीवों में ऑक्टोपस, एंगलर मछलियां, कटलफिश, कार्डिनल मछली, क्रिल, जेली फिश, टोड मछली, धनुर्धारी मछली, वाम्बेडक मछली, मूँगे, लालटेल मछली, वाइपर मछली, शंबुक, समुद्री कासनी, समुद्री स्लग, समुद्री स्क्विड, स्क्विड तथा व्हेल मछली प्रमुख हैं। जीव वैज्ञानिक अभी भी समुद्र में प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों की खोज का कार्य कर रहे हैं।

जिस प्रकार समुद्र का आरपार नहीं है उसी प्रकार समुद्री जीवों का भी आरपार नहीं है।


व्यावहारिक प्रयोग | Q 2 | Page 104

प्रकाश उत्पन्न करने वाले किसी एक जीव की खोज कीजिए ।

Solution: 

संसार में प्रकाश उत्पन्न करने वाले अनेक जीव हैं। प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है। एक जमीन पर पाए जाने वाले जीव और दूसरे जल में पाए जाने वाले जीव।

यहाँ हम जमीन पर पाए जाने वाले प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव जुगनू की जानकारी प्राप्त करेंगे।

जुगनू एक सामान्य कीड़ा है, जो रात के अंधेरे में आकाश में रुक-रुक कर प्रकाश करते हुए उड़ता है। यह ग्रामीण भागों में सर्वत्र पाया जाता है। गाँवों में अकसर बच्चे जुगनू को मुट्ठी में पकड़ कर खेलते हैं। दूसरे बच्चे यह देख कर ताज्जुब करते हैं कि आग को मुट्ठी में पकड़ने पर भी उसका हाथ जला क्यों नहीं। पर प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीवों के प्रकाश में ऊष्मा नहीं होती। यह प्रकाश ठंडा होता है। इसलिए हाथ जलने का सवालही नहीं उठता।

प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव दो प्रकार से प्रकाश उत्पन्न करते हैं। एक जीवाणुओं द्वारा और दूसरे रासायनिक, पदार्थों की पारस्परिक क्रिया द्वारा। जुगनू रासायनिक पदार्थों की पारस्परिक क्रिया द्वारा प्रकाश उत्पन्न करता है।

वह रात के अंधेरे में आकाश में उड़ते हुए रुक-रुक प्रकाश छोड़ता है। यह प्रकाश उसके शरीर के पिछले हिस्से में चमकता हुआ दिखाई देता है। जुगनू अपने छोटे-छोटे पैरों से उड़ता है। रात के अँधेरे में उड़ते हुए जुगनू के प्रकाश उत्पन्न करने के कई कारण है। दिन में जुगनू चिड़ियों आदि के खाए जाने के डर से झाड़ियों में छुपा रहता है। रात के समय उत्युक्त आकाश में उसे उड़ने का अवसर मिलता है। उड़ते समय वह अपने साथी की प्रकाश के द्वारा खोज करता है। इस तरह के प्रकाश में उसका एक मकसद अपने शिकार करने की खोज करना भी होता है। लेकिन उसके शरीर से प्रकाश उत्पन्न करने से वह अपने बड़े शत्रु कीट-पतंगे की नजर में आ जाता है और आसानी से वह उनका शिकार भी बन जाता है।

जुगनू के प्रकाश उत्पन्न करने के पीछे वैज्ञानिक कारण जो भी हों, उसे प्रकाश उत्पन्न करते हुए उड़ते देखना सब को अच्छा लगता है।


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Chapter 1: नवनिर्माण

Chapter 2: निराला भाई

Chapter 3: सच हम नहीं; सच तुम नहीं

Chapter 4: आदर्श बदला

Chapter 5.1: गुरुबानी

Chapter 5.2: वृंद के दोहे

Chapter 6: पाप के चार हथि यार

Chapter 7: पेड़ होने का अर्थ

Chapter 8: सुनो किशोरी

Chapter 9: चुनिंदा शेर

Chapter 10: ओजोन विघटन का संकट

Chapter 11: कोखजाया

Chapter 12: सुनु रे सखिया, कजरी

Chapter 13: कनुप्रिया

Chapter 14: पल्लवन

Chapter 15: फीचर लेखन

Chapter 16: मैं उद्घोषक

Chapter 17: ब्लॉग लेखन

Chapter 18: प्रकाश उत्पन्न करने वाले जीव


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