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Chapter 7 - खुला आकाश (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]


Chapter 7 - खुला आकाश (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

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Chapter 1: खुला आकाश (पूरक पठन)

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

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SOLUTION

गली की विशेषताएँ

आसमान नहीं दिखाई देता

पेड़ नहीं है

न पेड़ लगाने की जगह है

मकान पर मकान लदे लगते हैं


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कृति पूर्ण कीजिए :

गली से यह नहीं दिखता - 

  1. ______

  2. ______


SOLUTION

गली से यह नहीं दिखता - 

  1. असमान

  2. घोंसले बनाती चिड़ियाँ |


लेखक ऐसी जिंदगी बिताना नहीं चाहता - 

  1. ______

  2. ______



SOLUTION

लेखक ऐसी जिंदगी बिताना नहीं चाहता -

  1. चीजों को लुका-छिपाकर

  2. आदतों और व्यवहार को रचा-बसाकर |


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आकृति में लिखिए :



SOLUTION

कुछ मनुष्यों में दिखाई देने वाले पशु:

  1. बाघ, भेड़िये, लकड़बग्घे, साँप, तेंदुए, बिच्छू, गोजर

  2. गाय, बकरी, भेड़, तितलीChapter 7 - खुला आकाश (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard



SOLUTION

मनुष्य जीवन की स्थितियाँ:

  1. गुलामी करना

  2. गुलामी करवाना 



लिखिए :

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SOLUTION

घर से बाहर झाँकने पर यह दिखाई देता है:

  1. मकान ही मकान

  2. एक गंदी व तंग गली 



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SOLUTION

लेखक इनकी सेवा में लगे हैं

मोटार

कंप्यूटर


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‘जो हम शौक से करना चाहते हैं, उसके लिए रास्‍ते निकाल लेते हैं,’ इसका सोदाहरण अर्थ लिखिए।


SOLUTION

किसी काम को करने की यदि हमारी इच्छा नहीं है, तो वह काम कभी पूरा नहीं होगा। इसके विपरीत यदि कठिन काम भी हम शौक से शुरू करते हैं, तो भी उसे पूरा करने का रास्ता निकाल लेते हैं। संसार में इसके बहुत सुंदर उदाहरण मिलते हैं। हमारे भारत के 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को सभी जानते हैं। वे बहुत गरीब परिवार से थे। उन्होंने जीवन में बहुत सारी मुसीबतें देखीं और उनका सामना किया, लेकिन अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटके। इच्छाशक्ति व परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त की। महान आविष्कारक थॉमस एडीसन को कमजोर दिमाग के चलते स्कूल से निकाल दिया गया। कई बार असफलताएँ उनके हाथ लगीं, लेकिन अंतत: उन्होंने बल्ब का आविष्कार किया। एक विशालकाय पर्वत जिसे देखकर ही पसीने छूट जाते हैं, उसे एक साधारण से आदमी दशरथ माँझी ने अपनी प्रबल इच्छा के बल पर चीर दिया। आजादी की लड़ाई की लोगों को ऐसी लगन लगी कि लोगोंने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। मदर टेरेसा को गरीबों की सेवा करने का शौक पैदा हुआ, जिसे उन्होंने पूरा भी किया। इस विश्व में अनगिनत लोग हुए, जिन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया और अंतत: सफलता का स्वाद भी चखा। इससे सिद्ध होता है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प हो और काम के प्रति लगन अर्थात शौक हो, तो मुश्किलें स्वयं ही रास्तों से हट जाती हैं और मंजिल खुद-ब-खुद कदम चूमती है।


Chapter 7 - खुला आकाश (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard

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निम्‍नलिखित संधि विच्छेद की संधि कीजिए और भेद लिखिए :

अनु.

संधि विच्छेद

संधि शब्द

संधि भेद

१.

दुः+लभ

______

______

२.

महा+आत्मा

______

______

३.

अन्+आसक्त

______

______

4.

अंतः+चेतना

______

______

5.

सम्+तोष

______

______

६.

सदा+एव

______

______



SOLUTION

अनु.

संधि विच्छेद

संधि शब्द

संधि भेद

१.

दुः+लभ

दुर्लभ

विसर्ग संधि

२.

महा+आत्मा

महात्मा

स्वर संधि

३.

अन्+आसक्त

अनासक्त

व्यंजन संधि

4.

अंतः+चेतना

अंतश्चेतना

विसर्ग संधि

5.

सम्+तोष

संतोष

व्यंजन संधि

६.

सदा+एव

सदैव

स्वर संधि



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अनु.

शब्‍द

संधि विच्छेद

संधि भेद

१.

सज्‍जन

+

______

२.

नमस्‍ते

+

______

३.

स्‍वागत

+

______

४.

दिग्‍दर्शक

+

______

५.

यद्‌यपि

+

______

६.

दुस्‍साहस

+

______



SOLUTION

अनु.

शब्‍द

संधि विच्छेद

संधि भेद

१.

सज्‍जन

सत् + जन

व्यंजन संधि

२.

नमस्‍ते

नम: + ते

विसर्ग संधि

३.

स्‍वागत

सु + आगत

स्वर संधि

४.

दिग्‍दर्शक

दिक् + दर्शक

व्यंजन संधि

५.

यद्‌यपि

यदि + अपि

स्वर संधि

६.

दुस्‍साहस

दु: + साहस

विसर्ग संधि


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निम्‍नलिखित आकृति में दिए गए शब्‍दों का विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए :

  • दिग्‍गज

  • सप्ताह

  • निश्चल

  • भानूदय

  • निस्‍संदेह

  • सूर्यास्‍त

विच्छेद 

भेद

______ + ______

( ______ )

______ + ______

( ______ )

______ + ______

( ______ )

______ + ______

( ______ )

______ + ______

( ______ )



SOLUTION

अनु.

शब्द

विच्छेद

भेद

१.

दिग्गज

दिक् + गज

व्यंजन संधि

२.

सप्ताह

सप्त + अह

स्वर संधि

३.

निश्चल

नि: + चल

विसर्ग संधि

४.

भानूदय

भानु + उदय

स्वर संधि

५.

निस्संदेह

नि: + संदेह

विसर्ग संधि

६.

सूर्यास्त

सूर्य + अस्त

स्वर संधि


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पाठों में आए संधि शब्‍द छाँटकर उनका विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए ।


SOLUTION

अनु.

शब्द

विच्छेद

संधि भेद

१.

अपेक्षा

अप + ईक्षा

स्वर संधि

२.

निर्जीव

नि: + जीव

विसर्ग संधि

३.

स्वार्थी

स्व + अर्थी

स्वर संधि

४.

संपूर्ण

सम् + पूर्ण

व्यंजन संधि

५.

उज्ज्वल

उत् + ज्वल

व्यंजन संधि


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निम्‍नलिखित परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए 

Chapter 7 - खुला आकाश (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard


हर किसी को आत्‍मरक्षा करनी होगी, हर किसी को अपना कर्तव्य करना होगा । मैं किसी की सहायता की प्रत्‍याशा नहीं करता। मैं किसी का भी प्रत्‍याह नहीं करता । इस दुनयिा से मदद की प्रार्थना करने का मुझे कोई अधकिार नहीं है । अतीत में जनि लोगों ने मेरी मदद की है या भविष्य में भी जो लोग मेरी मदद करेंगे, मेरे प्रति उन सबकी करुणा मौजूद है, इसका दावा कभी नहीं किया जा सकता। इसीलिए मैं सभी लोगों के प्रति चरि कृतज्ञ हूँ । तुम्‍हारी परिस्तिति इतनी बुरी देखकर मैं बेहद चिंतति हूँ । लेकनि यह जान लो कि-‘तुमसे भी ज्‍यादा दुखी लोग इस संसार में हैं । मैं तुमसे भी ज्‍यादा बुरी परसि्‍थतिि में हूँ । इंग्‍लैंड में सब कुछ के लिए मुझे अपनी ही जेब से खर्च करना पड़ता है । आमदनी कुछ भी नहीं है । लंदन में एक कमरे का किराया हर सप्ताह के लिए तीन पाउंड होता है । ऊपर से अन्य कई खर्च हैं । अपनी तकलीफों के लिए मैं किससे शकिायत करूँ ? यह मेरा अपना कर्मफल है, मुझे ही भुगतना होगा ।’

(१) कृति पूर्ण कीजिए :

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SOLUTION

(१) 

१. कमरे का किराया:  

१. हर सप्ताह

२. तीन पाउंड


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SOLUTION

२. लेखक इनके प्रति कृतज्ञ हैं

१. अतीत में जिन लोगों ने लेखक की मदद की है।

२. भविष्य में भी जो लोग लेखक की मदद करेंगे।


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(२) उत्‍तर लिखिए :

१. परिच्छेद में उल्लिखित देश - ______

२. हर किसी को करना होगा - ______

३. लेखक की तकलीफें - ______

4. हर किसी को करनी होगी - ______

 

SOLUTION

१. परिच्छेद में उल्लिखित देश - इंग्लैंड

२. हर किसी को करना होगा - अपना कर्तव्य

३. लेखक की तकलीफें - आमदनी कुछ नहीं है और खर्च कई हैं

4. हर किसी को करनी होगी - आत्मरक्षा


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(३) निर्देशानुसार हल कीजिए :

(अ) निम्‍नलिखित अर्थ से मेल खाने वाला शब्‍द उपर्युक्‍त परिच्छेद से ढूँढ़कर लिखिए :

१. स्‍वयं की रक्षा करना - ______

२. दूसरों के उपकारों को मानने वाला - ______

SOLUTION

१. स्‍वयं की रक्षा करना - आत्मरक्षा

२. दूसरों के उपकारों को मानने वाला - कृतज्ञ


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(ब) लिंग पहचानकर लिखिए :

१. जेब - ______

२. दावा - ______

३. साहित्‍य - ______

4. सेवा - ______


SOLUTION

१. जेब - स्त्रीलिंग

२. दावा - पुल्लिंग

३. साहित्‍य - पुल्लिंग

4. सेवा - स्त्रीलिंग


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(४) ‘कृतज्ञता’ के संबंध में अपने विचार लिखिए ।

SOLUTION

कृतज्ञता का अर्थ है स्वयं की सहायता करनेवाले के प्रति कृतज्ञ होना। यह प्रार्थना, श्रद्धा, साहस, संतोष, प्रेम और परोपकार जैसे सद्गुणों के विकास की आधारशिला है। कृतज्ञता का भाव मानव के अंदर सद्चरित्र तथा परोपकार की भावना को लंबे समय तक जीवित रखता है। कृतज्ञता इंसानियत और परोपकार की एक स्नेहपूर्ण श्रृंखला है, जो मानव को मानव से जोड़ती है। यदि किसी के द्वारा किया गया कार्य हमारे लिए सुखकर या हितकारी है, तो उस कार्य के प्रति आभार प्रकट करना मानव-हृदय की सुंदर प्रवृत्ति को दर्शाता है। यही विनम्रता दूसरे व्यक्ति को भी सच्चा व्यवहार तथा परोपकार करने के लिए प्रेरित करती है। कृतज्ञता का भाव मनुष्य के हृदय की विशालता व उसके चरित्र को दर्शाता है। अत: कृतज्ञता जैसे श्रेष्ठ मानवीय गुण को अपने जीवन में उतारना चाहिए।


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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

 • Chapter 1.01: भारत महिमा

 • Chapter 1.02: लक्ष्मी

 • Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द

 • Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)

 • Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा

 • Chapter 1.06: गिरिधर नागर

 • Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)

 • Chapter 1.08: गजल

 • Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी

 • Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)

 • Chapter 1.11: कृषक का गान

 • Chapter 2.01: बरषहिं जलद

 • Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)

 • Chapter 2.03: श्रम साधना

 • Chapter 2.04: छापा

 • Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

 • Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)

 • Chapter 2.07: महिला आश्रम

 • Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा

 • Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

 • Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)

 • Chapter 2.11: समता की ओर


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