Chapter 1: खुला आकाश (पूरक पठन)
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
कृति पूर्ण कीजिए :
गली से यह नहीं दिखता -
______
______
SOLUTION
गली से यह नहीं दिखता -
असमान
घोंसले बनाती चिड़ियाँ |
लेखक ऐसी जिंदगी बिताना नहीं चाहता -
______
______
SOLUTION
लेखक ऐसी जिंदगी बिताना नहीं चाहता -
चीजों को लुका-छिपाकर
आदतों और व्यवहार को रचा-बसाकर |
आकृति में लिखिए :
SOLUTION
कुछ मनुष्यों में दिखाई देने वाले पशु:
SOLUTION
मनुष्य जीवन की स्थितियाँ:
गुलामी करना
गुलामी करवाना
लिखिए :
SOLUTION
घर से बाहर झाँकने पर यह दिखाई देता है:
मकान ही मकान
एक गंदी व तंग गली
SOLUTION
लेखक इनकी सेवा में लगे हैं
मोटार
कंप्यूटर
‘जो हम शौक से करना चाहते हैं, उसके लिए रास्ते निकाल लेते हैं,’ इसका सोदाहरण अर्थ लिखिए।
SOLUTION
किसी काम को करने की यदि हमारी इच्छा नहीं है, तो वह काम कभी पूरा नहीं होगा। इसके विपरीत यदि कठिन काम भी हम शौक से शुरू करते हैं, तो भी उसे पूरा करने का रास्ता निकाल लेते हैं। संसार में इसके बहुत सुंदर उदाहरण मिलते हैं। हमारे भारत के 'मिसाइल मैन' के नाम से मशहूर डॉ.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को सभी जानते हैं। वे बहुत गरीब परिवार से थे। उन्होंने जीवन में बहुत सारी मुसीबतें देखीं और उनका सामना किया, लेकिन अपने लक्ष्य से कभी नहीं भटके। इच्छाशक्ति व परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त की। महान आविष्कारक थॉमस एडीसन को कमजोर दिमाग के चलते स्कूल से निकाल दिया गया। कई बार असफलताएँ उनके हाथ लगीं, लेकिन अंतत: उन्होंने बल्ब का आविष्कार किया। एक विशालकाय पर्वत जिसे देखकर ही पसीने छूट जाते हैं, उसे एक साधारण से आदमी दशरथ माँझी ने अपनी प्रबल इच्छा के बल पर चीर दिया। आजादी की लड़ाई की लोगों को ऐसी लगन लगी कि लोगोंने अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। मदर टेरेसा को गरीबों की सेवा करने का शौक पैदा हुआ, जिसे उन्होंने पूरा भी किया। इस विश्व में अनगिनत लोग हुए, जिन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया और अंतत: सफलता का स्वाद भी चखा। इससे सिद्ध होता है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प हो और काम के प्रति लगन अर्थात शौक हो, तो मुश्किलें स्वयं ही रास्तों से हट जाती हैं और मंजिल खुद-ब-खुद कदम चूमती है।
निम्नलिखित संधि विच्छेद की संधि कीजिए और भेद लिखिए :
SOLUTION
SOLUTION
निम्नलिखित आकृति में दिए गए शब्दों का विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए :
दिग्गज
सप्ताह
निश्चल
भानूदय
निस्संदेह
सूर्यास्त
SOLUTION
पाठों में आए संधि शब्द छाँटकर उनका विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए ।
SOLUTION
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए
(१) कृति पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
(१)
१. कमरे का किराया:
१. हर सप्ताह
२. तीन पाउंड
SOLUTION
२. लेखक इनके प्रति कृतज्ञ हैं
१. अतीत में जिन लोगों ने लेखक की मदद की है।
२. भविष्य में भी जो लोग लेखक की मदद करेंगे।
(२) उत्तर लिखिए :
१. परिच्छेद में उल्लिखित देश - ______
२. हर किसी को करना होगा - ______
३. लेखक की तकलीफें - ______
4. हर किसी को करनी होगी - ______
SOLUTION
१. परिच्छेद में उल्लिखित देश - इंग्लैंड
२. हर किसी को करना होगा - अपना कर्तव्य
३. लेखक की तकलीफें - आमदनी कुछ नहीं है और खर्च कई हैं
4. हर किसी को करनी होगी - आत्मरक्षा
(३) निर्देशानुसार हल कीजिए :
(अ) निम्नलिखित अर्थ से मेल खाने वाला शब्द उपर्युक्त परिच्छेद से ढूँढ़कर लिखिए :
१. स्वयं की रक्षा करना - ______
२. दूसरों के उपकारों को मानने वाला - ______
SOLUTION
१. स्वयं की रक्षा करना - आत्मरक्षा
२. दूसरों के उपकारों को मानने वाला - कृतज्ञ
(ब) लिंग पहचानकर लिखिए :
१. जेब - ______
२. दावा - ______
३. साहित्य - ______
4. सेवा - ______
SOLUTION
१. जेब - स्त्रीलिंग
२. दावा - पुल्लिंग
३. साहित्य - पुल्लिंग
4. सेवा - स्त्रीलिंग
(४) ‘कृतज्ञता’ के संबंध में अपने विचार लिखिए ।
SOLUTION
कृतज्ञता का अर्थ है स्वयं की सहायता करनेवाले के प्रति कृतज्ञ होना। यह प्रार्थना, श्रद्धा, साहस, संतोष, प्रेम और परोपकार जैसे सद्गुणों के विकास की आधारशिला है। कृतज्ञता का भाव मानव के अंदर सद्चरित्र तथा परोपकार की भावना को लंबे समय तक जीवित रखता है। कृतज्ञता इंसानियत और परोपकार की एक स्नेहपूर्ण श्रृंखला है, जो मानव को मानव से जोड़ती है। यदि किसी के द्वारा किया गया कार्य हमारे लिए सुखकर या हितकारी है, तो उस कार्य के प्रति आभार प्रकट करना मानव-हृदय की सुंदर प्रवृत्ति को दर्शाता है। यही विनम्रता दूसरे व्यक्ति को भी सच्चा व्यवहार तथा परोपकार करने के लिए प्रेरित करती है। कृतज्ञता का भाव मनुष्य के हृदय की विशालता व उसके चरित्र को दर्शाता है। अत: कृतज्ञता जैसे श्रेष्ठ मानवीय गुण को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
.
Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]
• Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द
• Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा
• Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)
• Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)
• Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
• Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)
• Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
• Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
• Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)