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Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

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Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

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Chapter 1: ठेस (पूरक पठन)

संजाल पूर्ण कीजिए :

Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard



SOLUTION

सिरचन को आने वाले काम

  1. मोथी घास और पटेर की रंगीन शीतलपाटी बनाना

  2. बाँस की तीलियों की झिलमिलाती चिक बनाना

  3. सतरंगे डोर के मोढ़े बनाना

  4. भूसी-चुन्नी रखने के लिए मूंज की रस्सी के जाले बनाना



कृति पूर्ण कीजिए :

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SOLUTION

सिमरन का मेहनताना

  1. पेट भर खाना

  2.  एकाध पुराना-धुराना कपड़ा


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SOLUTION

मानू को उपहार में मिला

  1. शीतलपाटी

  2. चिक और कुश की एक जोड़ी आसन



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SOLUTION

सिरचन को लोग कहते

  1. मुफ्तखोर

  2. कामचोर


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वाक्‍यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए :

  1. सातों तारे मंद पड़ गए।

  2. ये मेरी ओर से हैं।सब चीजें हैं दीदी।

  3. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।

  4. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।



SOLUTION

  1. लोग उसको बेकार ही नहीं, 'बेगार' समझते हैं।

  2. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।

  3. सातों तारे मंद पड़ गए।

  4. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी।


Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard

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‘कला और कलाकार का सम्‍मान करना हमारा दायित्‍व है’, इस कथन पर अपने विचारों को शब्‍दबद्ध कीजिए।


SOLUTION

हमारे देश की संस्कृति में लोक कलाओं की सशक्त पहचान रही है। ये मूलतः ग्रामीण अंचलों में अनेक जातियों व जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संरक्षित पारंपरिक कलाएँ हैं। लोक कला का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि भारतीय ग्रामीण सभ्यता का। लोक कथाओं में लोकगीत, लोकनृत्य, गायन, वादन, अभिनय, मूर्तिकला, काष्ठ कला, धातु कला, चित्रकला, हस्तकला आदि का समावेश होता है। हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता था जिसे मुख्यतः हाथ से या साधारण औजारों की सहायता से ही किया जाता है। ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व होता है। वर्तमान में लोक कलाओं और कलाकारों को उचित प्रश्रय न मिलने के कारण अनेक लोक कलाओं पर संकट उत्पन्न हो गया है। धीरे-धीरे समय परिवर्तन, भौतिकतावाद, पश्चिमीकरण तथा आर्थिक संपन्नता के कारण परंपरागत लोक कलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जनता व प्रशासन दोनों को ही लोक कलाओं और कलाकारों की पहचान नष्ट होने से बचाने के प्रयास करने चाहिए।


Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard


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कोष्‍ठक की सूचना के अनुसार निम्‍न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए :

अली घर से बाहर चला जाता है। (सामान्य भूतकाल)



SOLUTION

अली घर से बाहर चला गया।



आराम हराम हो जाता है।(पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्‍यकाल)


SOLUTION

  1. आराम हराम हो गया है।

  2. आराम हराम हो चुका होगा।



सरकार एक ही टैक्‍स लगाती है।(सामान्य भविष्‍यकाल)


SOLUTION

सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।



आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं।(अपूर्ण वर्तमानकाल)


SOLUTION

आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।



वे बाजार से नई पुस्‍तक खरीदते हैं।(पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्‍यकाल)


SOLUTION

  1. वे बाजार से नई पुस्तक खरीद चुके थे।

  2. वे बाजार से नई पुस्तक खरीद रहे होंगे।



वे पुस्‍तक शांति से पढ़ते हैं।(अपूर्ण भूतकाल)


SOLUTION

वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।



सातों तारे मंद पड़ गए।(अपूर्ण वर्तमानकाल)


SOLUTION

सातों तारे मंद पड़ रहे हैं।



मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्‍वर में कहा।(अपूर्ण भूतकाल)


SOLUTION

मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।

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नीचे दिए गए वाक्‍य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:


SOLUTION

काल

काल परिवर्तन 

अपूर्ण भूत काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था।

सामान्य वर्तमान काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जाता हूँ।

सामान्य भविष्य काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जाऊँगा।

अपूर्ण भविष्य काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा हूँगा।

पूर्ण वर्तमान काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही गया हूँ।

सामान्य भूत काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही गया।

अपूर्ण वर्तमान काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा हूँ।

पूर्ण भूत काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही गया था।

पूर्ण भविष्य काल

मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा चुका हूँगा।


Chapter 10 - ठेस (पूरक पठन) Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard


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‘पुस्‍तक प्रदर्शनी में एक घंटा’ विषय पर अस्‍सी से सौ शब्‍दों में निबंध लेखन कीजिए।


SOLUTION

पुस्तके अनमोल होती हैं। वे हमारी सच्ची साथी होती हैं। उनसे हमारे ज्ञान का विस्तार होता है, इसलिए मुझे पुस्तके पढ़ना बेहद पसंद है। मैं अपने विद्यालय के पुस्तकालय में जाकर तरह-तरह की पुस्तकें भी पढ़ता हूँ। आजकल जगह-जगह पर पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाता है। जहाँ पर सभी विषयों से संबंधित पुस्तके आसानी से मिल जाती हैं। पिछले महीने मेरे विद्यालय के पास के बड़े मैदान में ऐसी ही एक पुस्तक प्रदर्शनी लगी थी। वह प्रदर्शनी एक सप्ताह तक थी। हमारे अध्यापक ने मुख्याध्यापक को इस प्रदर्शनी के बारे में बताया तथा विद्यार्थियों को उस प्रदर्शनी में ले जाने की अनुमति माँगी। अनुमति प्राप्त होने पर अध्यापक हमें भोजन अवकाश के बाद पुस्तक प्रदर्शनी में ले गए।

पुस्तक प्रदर्शनी में प्रवेश करते ही वहाँ का माहौल देखने लायक था। वहाँ अलगअलग विषयों के अनुसार कई सारे बुकस्टॉल लगे हुए थे। हर बुकस्टॉल में बड़ी-बड़ी अलमारियाँ थीं, जिनमें पुस्तकें एकदम व्यवस्थित ढंग से रखी हुई थीं। हर स्टॉल पर तीन से चार लोग थे, जो पुस्तकों के विषय में जानकारी देने तथा लोगों को पुस्तकें दिखाने का कार्य कर रहे थे। हमने कुछ स्टॉल पर जाकर पुस्तकों से संबंधित जानकारी प्राप्त की। फिर हम बच्चों के मनोरंजन हेतु बनाई गई पुस्तकों के स्टॉल पर पहुँचे, जहाँ अकबरबीरबल, तेनालीराम, कृष्ण-सुदामा, परियों की कहानियाँ आदि मनोरंजक पुस्तकें अलमारी में रखी गई थीं। स्टॉल पर उपस्थित लोगों ने हमें पुस्तकों की कहानियों के बारे में बड़े ही रोचक ढंग से जानकारी दी। मैंने अपने छोटे भाई के लिए अकबर-बीरबल की कहानियों वाली पुस्तक खरीदी। पूरा मेला घूमने के बाद अंत में हम हिंदी लेखकों की जीवनी, आत्मकथाएँ तथा कविताओंवाले बुक स्टॉल पर गए। जहाँ पर हमने हिंदी कवियों एवं लेखकों की रचनाओंके बारे में जानकारी प्राप्त की। मैंने और मेरे कुछ सहपाठियों ने हिंदी कहानियों तथा कविताओंकी पुस्तकें भी खरीदीं। पूरी पुस्तक प्रदर्शनी घूमते-घूमते एक घंटा हो गया था। पुस्तक प्रदर्शनी घूमने के बाद अध्यापक हमें विद्यालय ले गए और फिर हमसे पुस्तक प्रदर्शनी के अनुभव के बारे में पूछा। हम सबने अपने-अपने अनुभव शिक्षक को बताएँ। शाम को घर जाकर मैंने अपने अभिभावकों को पुस्तक मेले में बिताए एक घंटे को पूरे विस्तार से बताया और वहाँ से खरीदी पुस्तकें भी दिखाइर्।

यह पुस्तक प्रदर्शनी बहुत ही शानदार थी। इसमें बिताया एक घंटा मुझे हमेशा याद रहेगा।


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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

 • Chapter 1.01: भारत महिमा

 • Chapter 1.02: लक्ष्मी

 • Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द

 • Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)

 • Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा

 • Chapter 1.06: गिरिधर नागर

 • Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)

 • Chapter 1.08: गजल

 • Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी

 • Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)

 • Chapter 1.11: कृषक का गान

 • Chapter 2.01: बरषहिं जलद

 • Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)

 • Chapter 2.03: श्रम साधना

 • Chapter 2.04: छापा

 • Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

 • Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)

 • Chapter 2.07: महिला आश्रम

 • Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा

 • Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

 • Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)

 • Chapter 2.11: समता की ओर


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