Chapter 2: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)
संजाल पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
गरमी की विशेषताएँ
भीषणता
अंगारे - सी तपण
लू चलन
उमस होना
उत्तर लिखिए :
SOLUTION
मौसम ऐसा था
लिजलिजा
घुटन भरा
कारण लिखिए :
युवक को पहले नौकरी न मिल सकी
SOLUTION
युवक को पहले नौकरी न मिल सकी, क्योंकि हर जगह भ्रष्टाचार, रिश्वत का बोलबाला था।
आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया
SOLUTION
आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया, क्योंकि भीतर बैठे अधिकारियों ने गंभीरता से विचार विमर्श करने के बाद युवक के सही उत्तर की दाद दी थी।
कृति पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
लेखक के मन परिवर्तन के कारण
पहाड़ों पर घूमने में हजारों रुपये खर्च करना
अच्छे होटलों में रुकना
बड़ी दुकानों में दाम पूछे बिना खर्च करना
गरीब से दो रुपये के लिए झिक-झिक करना
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
लोग रिश्वत देकर ये लाभ उठाते हैं
1. रुके हुए कार्य करवाना
2. दबी हुई फाइले निकलवाना
3. टलती हई पदोन्नति करवाना
4. रोकी गई नोकरी प्राप्त करना
‘भ्रष्टाचार एक कलंक’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
SOLUTION
भ्रष्टाचार का अर्थ है दूषित आचार या जो आचार बिगड़ गया हो। आज हमारे जीवन के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है। आए दिन नेताओं के भ्रष्टाचार के समाचार आते रहते हैं। भ्रष्टाचार के आरोप में कितने नेता जेल काट रहे हैं। ये जनता के पैसे हड़प कर गए, पर इन्हें शर्म तक नहीं आती। आज हमारे देश में तेजी से भोगवादी संस्कृति फैल रही है। लोगों में रातोरात धनवान बनने की लालसा जोर पकड़ रही है। चारों ओर धन बटोरने के लिए धोखाधड़ी, छल-कपट, किए जा रहे हैं। अपनी भौतिक समृद्धि बढ़ाने के लिए लोगों ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना लिया है। छोटे से छोटे काम के लिए लोगों को रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षा का पवित्र क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है। लोगों में देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की भावना घटती जा रही है। भ्रष्टाचार राष्ट्रीय जीवन के लिए अभिशाप बन गया है। हमें आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार एक कलंक है। इस कलंक को मिटाना जरूरी है। हम सबको इसके लिए निष्ठापूर्वक कार्य करने की जरूरत है।
अर्थ के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद लिखिए :
SOLUTION
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों में अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए :
थोड़ी बातें हुईं।(निषेधार्थक वाक्य)
SOLUTION
थोड़ी बातें नहीं हुईं।
मानू इतना ही बोल सकी।(प्रश्नार्थक वाक्य)
SOLUTION
मानू कितना बोल सकी?
मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा।(विधानार्थक वाक्य)
SOLUTION
मैं आज रात का खाना खाऊँगा।
गाय ने दूध देना बंद कर दिया।(विस्मयार्थक वाक्य)
SOLUTION
सचमुच! गाय ने दूध देना बंद कर दिया।
तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए।(आज्ञार्थक वाक्य)
SOLUTION
तुम अपना ख्याल रखो।
प्रथम इकाई के पाठों में से अर्थ के आधार पर विभिन्न प्रकार के पाँच वाक्य ढूँढ़कर लिखिए।
SOLUTION
रचना के आधार पर वाक्यों के भेद पहचानकर कोष्ठक में लिखिए :
अधिकारियों के चेहरे पर हलकी-सी मुस्कान और उत्सुकता छा गई।
SOLUTION
अधिकारियों के चेहरे पर हलकी-सी मुस्कान और उत्सुकता छा गई। - सरल वाक्य
हर ओर से अब वह निराश हो गया था।
SOLUTION
हर ओर से अब वह निराश हो गया था - सरल वाक्य
उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिलते ही उसे चलाऊँ।
SOLUTION
उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिलते ही उसे चलाऊँ। - मिश्र वाक्य
वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झटककर बोली।
SOLUTION
वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झटककर बोली। - संयुक्त वाक्य
मोटे तौर पर दो वर्गकिए जा सकते हैं।
SOLUTION
मोटे तौर पर दो वर्गकिए जा सकते हैं। - सरल वाक्य
अभी समाज में यह चल रहा है क्योंकि लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं।
SOLUTION
अभी समाज में यह चल रहा है क्योंकि लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं। - मिश्र वाक्य
रचना के आधार पर विभिन्न प्रकार के तीन-तीन वाक्य पाठों से ढूँढ़कर लिखिए।
SOLUTION
सरल वाक्य:
१. दस-पंद्रह दिनों से यों ही चल रहा था।
२. मुझे जीवन को सहज और खुले ढंग से जीना पसंद है।
३. लड़कियों को अधिक पढ़ने की जरूरत नहीं है।
संयुक्त वाक्य:
१. कब मेरी टाँग टूटे और कब वे अपना एहसान चुकाए।
२. बाहर की अपेक्षा उसे छोटा करते चले जाते हैं और उसका विस्तार नहीं करते।
३. पहले एक आदमी मालिक होता था और उसके दर्जनों गुलाम होते थे।
मिश्र वाक्य:
१. एक समय ऐसा भी आ सकता है कि गाय को घर के सामने खूँटे से बाँधकर खिलाना भी पड़ सकता है।
२. मैं सोचने लगा कि पर्यटन का भी अपना ही आनंद है।
३. यह तो मेरी बड़ी तकदीर है कि आप मेरे यहाँ तशरीफ लाए।
‘जल है तो कल है’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
SOLUTION
जल के बिना धरती पर मानव एवं पशु-पक्षियों का जीवन संभव नहीं है। हमारी रोज की जरूरतें और सारे काम जल से ही शुरू होते हैं। पृथ्वी का ७० प्रतिशत भाग पानी से घिरा हुआ है। नदी, तालाब, नहर, कुआँ आदि जल के ही वरदान हैं। जल से ही खाने योग्य वस्तुएँ पैदा होती हैं। यदि वर्षा न हो, तो इस धरती का आँचल सूख जाएगा। वर्तमान समय में धरती की बढ़ती आबादी के कारण पानी के संसाधनों में कमी होती जा रही है। यह आने वाले समय के लिए एक गंभीर समस्या है। जल-प्रदूषण के कारण जल में रहने वाले अनेकों जीव-जंतु मर रहे हैं। लोग लाखों की गिनती में जल प्रदूषण के कारण बीमार हो रहे हैं।
जल संकट को दूर करने के लिए हमें ही आगे आना होगा और उसके लिए हमें जल संसाधनों की रक्षा करनी होगी। लोगों को भी इसके लिए जागरूक करना होगा। नदी-तालाब आदि का रख-रखाव करना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त हमें जल के दुरुपयोग व अपव्यय पर भी रोक लगानी होगी। यदि हम धरती को बचाना और पर्यावरण को संतुलित रखना चाहते हैं, तो हमें बिना देर किए जल को बचाने के हर संभव प्रयास करने होंगे। लोगों को समझना होगा कि यदि जल नहीं होगा, तो हमारा जीवन भी नहीं बचेगा, क्योंकि जल है तो कल है।
.
Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]
• Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द
• Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा
• Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)
• Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)
• Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
• Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)
• Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
• Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ
• Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)