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Chapter 14 - श्रम साधना Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]


Chapter 14 - श्रम साधना Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

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Chapter 2: श्रम साधना

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उत्‍तर लिखिए :

व्यापारी और उद्योगपतियों के लिए अर्थशास्‍त्र द्‌वारा बनाए गए नये नियम - ______



SOLUTION

व्यापारी और उद्योगपतियों के लिए अर्थशास्‍त्र द्‌वारा बनाए गए नये नियम - सस्ती हो और बिक्री महंगी-से-महंगी। मुनाफे की कोई मर्यादा नहीं। जो कारखाना मजदूरों के शरीर श्रम के बिना चल ही नहीं सकता उसके मजदूर को हजार-पांचसौ तथा व्य- स्थापकों और पूंजी लगाने वालों को हजारों लाखों का मिलना गलत नहीं माना जाता।


संपत्‍ति के दो मुख्य साधन


SOLUTION

संपत्‍ति के दो मुख्य साधन

  1. सृष्टि के द्रव्य,

  2. मनुष्य का शरीर श्रम


समाप्त हुईं दो प्रथाएँ - ______


SOLUTION

समाप्त हुईं दो प्रथाएँ - जो दो प्रथाएं समाप्त हो गई वे है गुलामी की प्रथा और राज प्रथा।



कल्‍याणकारी राज्‍य का अर्थ - ______


SOLUTION

कल्‍याणकारी राज्‍य का अर्थ - कल्याणकारी राज्य का अर्थ यह समझा जाता है कि सब तरह के दुर्बलों को राज्यसत्ता द्वारा मदद मिले अर्थात बड़े पैमाने पर कर वसूल करके उससे गरीबों को सहारा दिया जाए |


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कृति पूर्ण कीजिए :



SOLUTION

गांधीजी द्वारा शोषण तथा अशांति मिटाने के लिए बताए गए सूत्र

  1. पेट भरने के लिए हाथ पैर (चलाना) - चार घंटे शरीर श्रम

  2. ज्ञान प्राप्त करने और ज्ञान देने के लिए बुद्धि (का उपयोग) - चार घंटे बुद्धि काम


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तुलना कीजिए :

बुद्‌धिजीवी

श्रमजीवी

१.

१.

२.

२.



SOLUTION

बुद्धिजीवी

श्रमजीवी

१. बुद्धि काम करना।

१. शारीरिक श्रम करना।

२. अधिक आमदनी, प्रतिष्ठित एवं सुखमय जीवन।

२. आमदनी कम, प्रतिष्ठा नहीं, कष्टमय जीवन।


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लिखिए :


SOLUTION

दान से ये कार्य बनते हैं 

१) अस्पताल

२) विद्यालय


व्यापार की कला से प्राप्त होती है -

१) विद्यालयों से

२) अपने साथियों एवं समाज से


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पाठ में प्रयुक्‍त ‘इक’ प्रत्‍यययुक्‍त शब्‍दों को ढूँढ़कर लिखिए तथा उनमें से किन्हीं चार का स्‍वतंत्र वाक्‍यों में प्रयोग कीजिए।


SOLUTION

  1. आर्थिक

  2. प्राकृतिक

  3. श्रमिक

  4. सामाजिक

  5. प्राथमिक

  6. बौद्धिक

आर्थिक :

किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कुछ करो।

प्राकृतिक:

कश्मीर की घाटी प्राकृतिक दृश्यों से भरी पड़ी है।

श्रमिक:

कारखाने में काम करने वाले श्रमिक का काम बहुत मेहनत का होता है।

सामाजिक:

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।

प्राथमिक:

घायल व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत होती है।

बौद्धिक: 

हर व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता भिन्न-भिन्न होती है।


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पाठ में कुछ ऐसे शब्‍द हैं, जिनके विलोम शब्‍द भी पाठ में ही प्रयुक्‍त हुए हैं, ऐसे शब्‍द ढूँढ़कर लिखिए।


SOLUTION

१) हाड़ × माँस

२) प्रत्यक्ष × अप्रत्यक्ष

३) देश ×विदेश

४) हाथ × पैर

५) स्वार्थ × परार्थ

६) अमीर × गरीब


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‘समाज परोपकार वृत्‍ति के बल पर ही ऊँचा उठ सकता है’, इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।


SOLUTION

 हमारे शास्त्रों में परोपकार को बहुत महत्त्व दिया गया है। पेड़ों में फल लगना, नदियों के जल का बहना परोपकार का ही एक रूप है। इसी तरह सज्जन व्यक्तियों की संपत्ति और इस शरीर को भी परोपकार में लगा देने के लिए कहा गया है। हमारे समाज में गरीब-अमीर हर प्रकार के व्यक्ति होते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जिन्हें भरपेट भोजन भी नहीं मिलता और कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके पास इतनी संपत्ति है कि उन्हें स्वयं इसकी पूरी जानकारी नहीं है। मनुष्य में परोपकार की प्रवृत्ति जन्मजात होती है। प्यासे को पानी पिलाना और किसी भूखे को खाना खिला देना कौन नहीं चाहता। यही परोपकार भावना है। हमारे देश में अनेक अस्पताल, अनेक शिक्षा संस्थाएँ परोपकार करने वाले लोगों के धन से चल रही हैं। समाज के कमजोर वर्ग के लिए तरह-तरह की संस्थाएँ काम कर रही हैं। इनका संचालन दान अथवा सहायता के रूप में प्राप्त धन से हो रहा है। हर युग समाज के उत्थान के लिए परोपकारियों का सहयोग प्राप्त होता रहा है। यह सहयोग इसी तरह मिलता रहना चाहिए तभी हमारे समाज का उत्थान होगा।


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निम्‍न वाक्‍यों में अधोरेखांकित शब्‍द समूह के लिए कोष्‍ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन कर वाक्‍य फिर से लिखिए :

करामत अली हौले-से लक्ष्मी से स्‍नेह करने लगा

वाक्‍य = ______

OPTIONS

  • इज्‍जत उतारना

  • हाथ फेरना

  • काँप उठना

  • तिलमिला जाना

  • दुम हिलाना

  • बोलबाला होना



सार्वजनिक अस्‍पताल का खयाल आते ही मैं भयभीत हो गया

वाक्‍य = ______

OPTIONS

  • इज्‍जत उतारना

  • हाथ फेरना

  • काँप उठना

  • तिलमिला जाना

  • दुम हिलाना

  • बोलबाला होना



सार्वजनिक अस्‍पताल का खयाल आते ही मैं भयभीत हो गया

वाक्‍य = ______

OPTIONS

  • इज्‍जत उतारना

  • हाथ फेरना

  • काँप उठना

  • तिलमिला जाना

  • दुम हिलाना

  • बोलबाला होना



सिरचन को बुलाओ, चापलूसी करता हुआ हाजिर हो जाएगा।

वाक्‍य = ______

OPTIONS

  • इज्‍जत उतारना

  • हाथ फेरना

  • काँप उठना

  • तिलमिला जाना

  • दुम हिलाना

  • बोलबाला होना



पंडित बुद्‌धिराम काकी को देखते ही क्रोध में आ गए ।

वाक्‍य = ______

OPTIONS

  • इज्‍जत उतारना

  • हाथ फेरना

  • काँप उठना

  • तिलमिला जाना

  • दुम हिलाना

  • बोलबाला होना


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निम्‍नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका अर्थपूर्ण वाक्‍यों में प्रयोग कीजिए :

गुजर-बसर करना 



SOLUTION

गुजर-बसर करना - आजीविका चलाना।

वाक्य: भीषण जल प्रलय के बाद किसी तरह पीड़ितों का गुजर-बसर हो रहा है



गला फाड़ना


SOLUTION

गला फाड़ना – शोर करना, चिल्लाना।

वाक्य: छोटे बच्चों को डाँटने पर वे गला फाड़ने लगते हैं।



कलेजे में हूक उठना 


SOLUTION

कलेजे में हूक उठना – मन में वेदना उत्पन्न होना।

वाक्य: फुटपाथ पर बेसहारा लोगों की हालत देखकर मेरे कलेजे में हूक उठने लगी



सीना तानकर खड़े रहना


SOLUTION

सीना तानकर खड़े रहना – निर्भय होकर खड़े रहना।

वाक्य: सत्य के मार्ग में हमें सीना तानकर खड़े रहना चाहिए।



टाँग अड़ाना


SOLUTION

टाँग अड़ाना − बाधा डालना।

वाक्य: ईर्ष्यालु प्रवृत्ति के लोग हमेशा दूसरों के काम में टाँग अड़ाते रहते हैं



जेब ढीली होना 


SOLUTION

जेब ढीली होना – जेब खाली होना, बहुत अधिक खर्च होना।

वाक्य: महँगाई इतनी बढ़ गई है कि छोटे से आयोजन में भी लोगों की जेब ढीली हो जाती है।



निजात पाना


SOLUTION

निजात पाना – मुक्ति पाना।

वाक्य: मौकापरस्त लोगों से जल्द-से-जल्द निजात पा लेना चाहिए।



फूट-फूटकर रोना


SOLUTION

फूट-फूटकर रोना – जोर-जोर से रोना।

वाक्य: माँ ने जब नीलू को खिलौना खरीदकर नहीं दिया तब वह फूट-फूटकर रोने लगी



मन तरंगायित होना 


SOLUTION

मन तरंगायित होना – मन उमंग से भरना।

वाक्य: आसमान में लहराते तिरंगे को देखकर सेवानिवृत्त फौजी रणतेज सिंह का मन तरंगायित हो उठा



मुँह लटकाना


SOLUTION

मुँह लटकाना – निराश होना।

वाक्य: पिता जी के डाँटने पर सीमा मुँह लटकाकर बैठ गई।


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पाठ्‌यपुस्‍तक में आए मुहावरों का अपने वाक्‍यों में प्रयोग कीजिए।


SOLUTION

मुहावरे

वाक्‍य प्रयोग 

गुजर-बसर करना

भीषण जल प्रलय के बाद किसी तरह पीिड़तों का गुजर-बसर हो रहा है।

गला फाड़ना

छोटे बच्चों को डाँटने पर वे गला फाड़ने लगते हैं।

कलेजे में हूक उठना

फुटपाथ पर बेसहारा लोगों की हालत देखकर मेरे कलेजे में हूक उठने लगी।

सीना तानकर खड़े रहना

सत्य के मार्ग में हमें सीना तानकर खड़े रहना चाहिए।

टाँग अड़ाना

ईर्ष्यालु प्रवृत्ति के लोग हमेशा दूसरों के काम में टाँग अड़ाते रहते हैं।

जेब ढीली होना

महँगाई इतनी बढ़ गई है कि छोटे से आयोजन में भी लोगों की जेब ढीली हो जाती है।

निजात पाना

मौकापरस्त लोगों से जल्द-से-जल्द निजात पा लेना चाहिए।

फूट-फूटकर रोना

माँ ने जब नीलू को खिलौना खरीदकर नहीं दिया तब वह फूट-फूटकर रोने लगी।

मन तरंगायित होना

आसमान में लहराते तिरंगे को देखकर सेवानिवृत्त फौजी रणतेज सिंह का मन तरंगायित हो उठा।

मुँह लटकाना

पिता जी के डाँटने पर सीमा मुँह लटकाकर बैठ गई।


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निम्‍न शब्‍दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए : मिट्‌टी, चाँद, खरगोश, कागज


SOLUTION

जंगल की परी 

      रामपुर गाँव में रतन नामक एक गरीब लकड़हारा रहता था। उसकी पत्नी का नाम रेखा और बेटे का नाम अविनाश था। अविनाश बहुत ही समझदार व परोपकारी लड़का था। गरीबी के कारण अविनाश पढ़ाई करने के साथ ही व्यापार में भी अपने पिता का साथ देता था। वह अपने पिता के साथ लकड़ियाँ काटने और बेचने जाया करता था।

      एक दिन पिता की तबीयत ठीक न होने के कारण उसे अकेले ही जंगल में लकड़ी काटने जाना पड़ा। दोपहर का वक्त था। रतन पसीने से लथपथ लकड़ियाँ काटने में जुटा था। उसी जंगल में एक परी रहती थी। उसकी नजर अविनाश पर पड़ी। छोटी-सी उम्र में इतनी कड़ी मेहनत करते देख परी का दिल पसीज गया। उसने अविनाश की परीक्षा लेना उचित समझा। शाम होने को थी। अविनाश काटी हुई लकड़ियों का गट्ठर बनाकर घर की ओर चल पड़ा। रास्ते में उसने देखा कि एक बड़ा-सा पत्थर आ गया है। कुछ लोग जो उस रास्ते से आ-जा रहे थे, वे रास्ते में पत्थर होने की वजह से रास्ते के बगल से होते हुए आगे बढ़ रहे थे। रास्ते के अगल-बगल कटीली झाड़ियाँ व दलदली जमीन थी, जो किसी भी राहगीर के लिए घातक साबित हो सकती थी। वह पत्थर देखकर अविनाश को आश्चर्य भी हुआ, क्योंकि सुबह उस राह पर कोई पत्थर नहीं था।

        अविनाश ने मन-ही-मन विचार किया कि वह भी यदि अन्य लोगों की भाँति रास्ते के बगल से चला जाएगा, तो आखिर यह पत्थर हटाएगा कौन? और रात के समय कोई मुसाफिर इस रास्ते से गुजरेगा तो उसे खतरा हो सकता है। अत: उसने पत्थर को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। पत्थर बड़ा था। उसे आसानी से हटाना मुश्किल था, लेकिन अविनाश ने भी हार न मानी। इस बीच राह में आने-जाने वाले लोग उसे देखकर भी अनदेखा करते हुए अपनी मंजिल की ओर बढ़ते जा रहे थे। आसमान में चाँद निकल आया था। पूर्णिमा की रात थी। हर तरफ चाँदनी बिखरी हुई थी। अविनाश अपने घर जाने से पहले किसी तरह इस पत्थर को बगल कर देना चाहता था। आखिरकार काफी समय मशक्कत के बाद वह कामयाब हो गया। पत्थर को बगल करने के बाद उसकी नजर उस जगह पर पड़ी जहाँ पत्थर था। उसे लगा कि जमीन में मिट्टी के नीचे कुछ है। उसने मिट्टी हटाकर देखा तो वहाँ एक मटका था। उसने मिट्टी खोदकर उस मटके को निकाला। जब उसने मटके का मुँह खोलकर देखा, तो उसमें एक खरगोश व कागज का टुकड़ा था। अविनाश ने खरगोश को पहले बाहर निकाला फिर उसने कागज को मटके में से निकाला तो उसने देखा कि उसमें कुछ लिखा है। उसने पढ़ना शुरू किया, ’मैं जंगल की परी हूँ। मैंने तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए यह बड़ा-सा पत्थर रास्ते में रखा था। तुम परीक्षा में सफल हुए। अब यह जादुई खरगोश तुम्हारा है। इस खरगोश से तुम जो कुछ भी माँगोगे, वह तुम्हारे सामने फौरन पेश कर देगा।“अविनाश बहुत प्रसन्न हो गया। खरगोश के साथ घर लौटकर उसने अपने माता-पिता को सारी बात बताई। जादुई खरगोश ने अविनाश की गरीबी दूर कर दी और उसका परिवार खुशहाल जीवन बिताने लगा।

सीख: परोपकारी व्यक्ति पर ईश्वर की कृपा होती है।


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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

 • Chapter 1.01: भारत महिमा

 • Chapter 1.02: लक्ष्मी

 • Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द

 • Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)

 • Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा

 • Chapter 1.06: गिरिधर नागर

 • Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)

 • Chapter 1.08: गजल

 • Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी

 • Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)

 • Chapter 1.11: कृषक का गान

 • Chapter 2.01: बरषहिं जलद

 • Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)

 • Chapter 2.03: श्रम साधना

 • Chapter 2.04: छापा

 • Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

 • Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)

 • Chapter 2.07: महिला आश्रम

 • Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा

 • Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

 • Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)

 • Chapter 2.11: समता की ओर


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