Chapter 2: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
कृति पूर्ण कीजिए :
फूल बेचना नहीं चाहता
१. ______
२. ______
३. ______
४. ______
SOLUTION
फूल बेचना नहीं चाहता
१. गंध
२. सौगंध
३. अनुबंध
४. प्रतिबंध
लिखिए :
फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता है
SOLUTION
फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता है - मर जाना।
फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार इन्हें है
SOLUTION
फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार डाली, कोंपल और काँटों को है।
कृति पूर्ण कीजिए :
SOLUTION
अंत पता होने पर भी फूल की अभिलाषा
१) (मरने के पहले) एक-एक के घर जाना
२) भूल-चूक के लिए माफी माँगना
सूची बनाइए :
इनका फूल से संबंध है -
______
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______
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SOLUTION
इनका फूल से संबंध है -
उपवन
डाली
कोंपल
काँटे
कारण लिखिए :
फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा
SOLUTION
अपनी गंध न बेचने की सौगंध फूल का संस्कार बन गई है, इसलिए फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा।
फूल को मौसम से कुछ लेना नहीं है
SOLUTION
फूल को मौसम से कुछ लेना-देना नहीं है उसे अपने अस्तित्व के लिए कुछ भी पाने की इच्छा नहीं है। इसलिए कैसा भी मौसम हो, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।
‘दाता होगा तो दे देगा, खाता होगा तो खाएगा’ इस पंक्ति से स्पष्ट होने वाला अर्थ लिखिए।
SOLUTION
फूल को केवल अपने स्वाभिमान से मतलब है। उसे किसी चीज को पाने अथवा खो जाने की चिंता नहीं है। जो मिलना होगा, मिलेगा और जो नुकसान होगा, होगा। उसे उसकी चिंता नहीं है।
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए :
रचनाकार का नाम
रचना का प्रकार
पसंदीदा पंक्ति
पसंदीदा होने का कारण
रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा
SOLUTION
रचनाकार का नाम - बालकवी बैरागी।
रचना का प्रकार - गीत।
पसंदीदा पंक्ति - 'चाहे सभी सुमन बिक जाएँ, चाहे ये उपवन बिक जाएँ चाहे सौ फागुन बिक जाएँ पर मैं गंध नहीं बेचूँगा।
पसंदीदा होने का कारण - इन पक्तियों में फूल हर हालत में जीवन में अपने स्वाभिमान को सर्वोपरि मानता है। इसके लिए उसे कोई भी त्याग करना पड़े, तो वह इसके लिए तैयार है, पर वह अपने स्वाभिमान को हर हालत में बनाए रखना चाहता है।
रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा - प्रस्तुत रचना से यह संदेश मिलता है कि स्वाभिमान मनुष्य की सबसे बड़ी थाती है। हमें हर हालत में इसकी रक्षा करनी चाहिए। यदि स्वाभिमान की रक्षा के लिए हमें अपना सर्वस्व निछावर कर देना पड़े, तो भी हँसते-हँसते अपना सब कुछ त्याग देना चाहिए। प्रस्तुत पंक्तियों से हमें यही प्रेरणा मिलती है।
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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]
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• Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा
• Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)
• Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)
• Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति
• Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)
• Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा
• Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ