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Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]


Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

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Chapter 2: अपनी गंध नहीं बेचूँगा


Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

कृति पूर्ण कीजिए :

फूल बेचना नहीं चाहता

१. ______

२. ______

३. ______

४. ______



SOLUTION

फूल बेचना नहीं चाहता

१. गंध

२. सौगंध

३. अनुबंध

४. प्रतिबंध


Chapter 19 - अपनी गंध नहीं बेचूँगा Balbharati solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

लिखिए :

फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता है



SOLUTION

फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता है - मर जाना।



फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार इन्हें है


SOLUTION

फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार डाली, कोंपल और काँटों को है।


कृति पूर्ण कीजिए :

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SOLUTION

अंत पता होने पर भी फूल की अभिलाषा

१) (मरने के पहले) एक-एक के घर जाना

२) भूल-चूक के लिए माफी माँगना


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सूची बनाइए :

इनका फूल से संबंध है -

  1. ______

  2. ______

  3. ______

  4. ______ 



SOLUTION

इनका फूल से संबंध है -

  1. उपवन

  2. डाली

  3. कोंपल

  4. काँटे

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कारण लिखिए :

फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा



SOLUTION

अपनी गंध न बेचने की सौगंध फूल का संस्कार बन गई है, इसलिए फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा।



फूल को मौसम से कुछ लेना नहीं है


SOLUTION

फूल को मौसम से कुछ लेना-देना नहीं है उसे अपने अस्तित्व के लिए कुछ भी पाने की इच्छा नहीं है। इसलिए कैसा भी मौसम हो, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।


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‘दाता होगा तो दे देगा, खाता होगा तो खाएगा’ इस पंक्‍ति से स्‍पष्‍ट होने वाला अर्थ लिखिए।


SOLUTION

फूल को केवल अपने स्वाभिमान से मतलब है। उसे किसी चीज को पाने अथवा खो जाने की चिंता नहीं है। जो मिलना होगा, मिलेगा और जो नुकसान होगा, होगा। उसे उसकी चिंता नहीं है।


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निम्‍नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए :

  1. रचनाकार का नाम

  2. रचना का प्रकार

  3. पसंदीदा पंक्ति

  4. पसंदीदा होने का कारण

  5. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा



SOLUTION

  1. रचनाकार का नाम -  बालकवी बैरागी।

  2. रचना का प्रकार -  गीत।

  3. पसंदीदा पंक्ति -  'चाहे सभी सुमन बिक जाएँ, चाहे ये उपवन बिक जाएँ चाहे सौ फागुन बिक जाएँ पर मैं गंध नहीं बेचूँगा।

  4. पसंदीदा होने का कारण - इन पक्तियों में फूल हर हालत में जीवन में अपने स्वाभिमान को सर्वोपरि मानता है। इसके लिए उसे कोई भी त्याग करना पड़े, तो वह इसके लिए तैयार है, पर वह अपने स्वाभिमान को हर हालत में बनाए रखना चाहता है।

  5. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा - प्रस्तुत रचना से यह संदेश मिलता है कि स्वाभिमान मनुष्य की सबसे बड़ी थाती है। हमें हर हालत में इसकी रक्षा करनी चाहिए। यदि स्वाभिमान की रक्षा के लिए हमें अपना सर्वस्व निछावर कर देना पड़े, तो भी हँसते-हँसते अपना सब कुछ त्याग देना चाहिए। प्रस्तुत पंक्तियों से हमें यही प्रेरणा मिलती है।


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Balbharati Solutions for Hindi - Lokbharati 10th Standard SSC Maharashtra State Board [हिंदी - लोकभारती १० वीं कक्षा]

 • Chapter 1.01: भारत महिमा

 • Chapter 1.02: लक्ष्मी

 • Chapter 1.03: वाह रे ! हमदर्द

 • Chapter 1.04: मन (पूरक पठन)

 • Chapter 1.05: गोवा : जैसा मैंने देखा

 • Chapter 1.06: गिरिधर नागर

 • Chapter 1.07: खुला आकाश (पूरक पठन)

 • Chapter 1.08: गजल

 • Chapter 1.09: रीढ़ की हड्डी

 • Chapter 1.1: ठेस (पूरक पठन)

 • Chapter 1.11: कृषक का गान

 • Chapter 2.01: बरषहिं जलद

 • Chapter 2.02: दो लघुकथाएँ (पूरक पठन)

 • Chapter 2.03: श्रम साधना

 • Chapter 2.04: छापा

 • Chapter 2.05: ईमानदारी की प्रतिमूर्ति

 • Chapter 2.06: हम इस धरती की संतति हैं (पूरक पठन)

 • Chapter 2.07: महिला आश्रम

 • Chapter 2.08: अपनी गंध नहीं बेचूँगा

 • Chapter 2.09: जब तक जिंदा रहूँ, लिखता रहूँ

 • Chapter 2.1: बूढ़ी काकी (पूरक पठन)

 • Chapter 2.11: समता की ओर


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