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Chapter 11 - भारती का सपूत Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board

Chapter 11: भारती का सपूत


आप क्यों ऐसों के लिए सिर खपाते हैं... वाक्य में 'ऐसों का प्रयोग इनके लिए किया गया है…


SOLUTION

1) कश्मीरी मास्टर विश्वेश्वरप्रसाद

2) बाबू वेणी प्रसाद

3) नासमझ और अशिक्षित लोग



भारतेंदु का व्यक्तित्व

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SOLUTION

• भारतेन्दु प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी थे | उनका रूप चपल था

• पतली, लंबी और चमकदार आँखे थी | घुंघराली लेट कानो पर झूलती रहती थी | झूलती रहती थी |

• भारतेन्दु का उत्साह दबंग था |वे  फक्कड़ थे, निर्भीक थे | उनके होठो पर सदेव क्षमा भरी, अपराजित मुस्कराहट खेलती रहती थी | ठो पर सदेव



अंतर लिखिए –

मिशन के स्कूल

भारतीय स्कूल

 

 

 

 



SOLUTION

मिशन के स्कूल

भारतीय स्कूल

मिशन स्कूल अंग्रेजों द्वारा खोले गए थे।

भारतीय संस्कृति के विषय में बताया जाएगा।

वहाँ विदेशी संस्कृति पढ़ाई जाती थी। जिसे पढ़कर भारतीय काले साहब बनकर लोगों की तरह अपने ही देशवासियों से नफरत करके स्वयं पर घमंड करते थे।

भारतीय स्कूलों में अंग्रेजी एक भाषा की तरह पढ़ाई जाएगी ताकि भारतीय जान सके कि अंग्रेज किन

खूबियों की वजह से हुकूमत करते हैं ।



निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक अर्थ लिखकर उनसे अर्थपूर्ण वाक्य तैयार कीजिए:

दिया - ________ _________________________


SOLUTION

दिया - देना

वाक्य: माँ ने भिखारी को भोजन दिया।


दीया - ________ _________________________


SOLUTION

दीया - दीप

वाक्य: दिवाली की रात जिधर दृष्टि जाती है, दीप ही दीप नजर आते हैं।



सदेह - ________ _________________________


SOLUTION

सदेह - देह के साथ

वाक्य: राजा त्रिशंकु सदेह स्वर्ग जाना चाहता था।



संदेह - ________ _________________________


SOLUTION

संदेह - शंका

वाक्य: बात-बात पर संदेह करना अच्छी आदत नहीं है।



जलज - ________ _________________________


SOLUTION

जलज - कमल

वाक्य: झील में खिले जलज उसकी शोभा में चार चाँद लगा रहे हैं।


जलद - ________ _________________________


SOLUTION

जलद - बादल

वाक्य: आकाश में जलद इधर-उधर उड़ रहे हैं।



अपत्य - ________ _________________________


SOLUTION

अपत्य - संतान

वाक्य: हम सभी मनु की अपत्य हैं।



अपथ्य - ________ _________________________


SOLUTION

अपथ्य - अहितकर

वाक्य: उत्तम स्वास्थ्य के लिए हमें अपथ्य भोजन से बचना चाहिए।



उद्दाम - ________ _________________________


SOLUTION

उद्दाम - निरंकुश

वाक्य: गंगा उद्दाम होकर पहाड़ों से नीचे उतरती है।



उद्यम - ______ _________________________


SOLUTION

उद्यम - प्रयत्न

वाक्य: इस पृथ्वी पर उद्यम बिना कुछ भी संभव नहीं है।



'भाषा राष्ट्र के विकास में सहायक होती है, इसपर अपना मत लिखिए।



SOLUTION

भाषा विचारों को व्यक्त करने का प्रमुख साधन है। भषा की सहायता से ही किसी समाज विशेष या देश के लोग अपने मनोगत भाव अथवा विचार एक-दूसरे पर प्रकट करते हैं। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज और देश का निर्माण मनुष्यों के पारस्परिक सहयोग से होता है। भाषा हमारे सामाजिक जीवन की नींव है। भाषा राष्ट्र के निवासियों को एक-दूसरे से जोड़ती है। यह राष्ट्र की एकता, अखंडता तथा विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। किसी भी स्वतंत्र तथा समृद्ध राष्ट्र के लिए भाषा आवश्यक है। भाषा के महत्व को मनुष्य ने लाखों साल पहले पहचानकर उसका निरंतर विकास किया है। भाषा के द्वारा ही देश और समाज के प्रति हमारे भाव झलकते हैं। इस झलक का संबंध व्यक्ति की मानवीय संवेदना और मानसिकता से भी होता है। राष्ट्र के विकास में भाषा के महत्त्व को स्पष्ट करते हुए भारतेंदु जी ने कहा था-

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।

बिन निज भाषा ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।



'व्यक्ति की करनी और कथनी में अंतर होता है, इस उक्ति पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।


SOLUTION

ईश्वर की इस सृष्टि में मनुष्य अन्य सभी प्राणियों से श्रेष्ठ है। परंतु यह सर्वश्रेष्ठ मानव अनेक अवसरों पर अनेक ऐसे काम करता है, जिन्हें वह स्वयं गलत बताया करता है। कई लोग बातें तो आदर्शों की करते हैं, परंतु स्वयं आदर्शों से बहुत दूर रहते हैं। धर्म की, ज्ञान की बातें तो खूब करते हैं, परंतु धर्म को अपने जीवन में धारण नहीं करते। कहा भी गया है कहना आसान है किंतु करके दिखाना बड़ा कठिन होता है। कहने में केवल जीभ हिलानी पड़ती है, जबकि करने में मेहनत करनी पड़ती है। करनी और कथनी में अंतर आज के समय में पहले की अपेक्षा बढ़ गया है। मनुष्य की करनी और कथनी में अंतर नहीं होना चाहिए। व्यक्ति जो कहता है, उसे वही करना चाहिए। व्यक्ति का गौरव उसकी कथनी से है। उसकी वाणी से है। उसके वादों से है। उसकी घोषणाओं से है। उसके इरादों से है। उसके संकल्पों से है। कुछ भी कहने से पहले यह ध्यान में होना चाहिए कि मैं जो कह रहा हूँ, उस पर लोग विश्वास करते हैं, उससे आशा करते हैं। इसलिए जो भी कहा जा रहा है, उसके समान आचरण भी होना चाहिए। करनी और कथनी में समानता होने से हम सम्मान पाते हैं।



भारतेंदु ने कुल के गर्व को दुहराने के बजाय देश के गर्व को दुहराया....’पाठ के आधार पर बताइए।


SOLUTION

(1) भारतेंदु प्रभावशाली व्यक्तित्व के स्वामी थे। उनका रूप चपल था।

(2) पतली, लंबी और चमकदार आँखें थी। घुंघराली लटें कानों पर झूलती रहती थीं।

(3) भारतेंदु का उत्साह दबंग था। वे फक्कड़ थे, निर्भीक थे। उनकेहोंठों पर सदैव क्षमा भरी, अपराजिता मुस्कुराहट खेलती रहती थी।



'भारती का सपूत के आधार पर भारतेंदु की उदार प्रवृत्ति का वर्णन कीजिए।


SOLUTION

भारतेंदु जी ने अठारह वर्ष की आयु में एक होम्योपैथिक चिकित्सालय खोला, जहाँ मुफ्त दवा दी जाती थी। उन्होंने भारतीय बालों को अपने देश की संस्कृति सिखाने के लिए एक मदरसा खोला, जिसमें अधिकतर विद्यार्थी बिना फीस दिए पढ़ते थे। उन्हें किताब और कलम मुफ्त बाँटे जाते थे। यहाँ तक कि उन्हें खाना भी वहीं खिलाया जाता था। भारतेंदु जी के पास कभी भी कोई कैसी भी याचना लेकर आता था, वे खुले मन से सभी की सहायता करते थे।




जानकारी दीजिए:

रांगेय राघव जी की रचनाओं के नाम –


SOLUTION

(1) लोई का ताना

(2) भारती का सपूत (जीवनीपरक उपन्यास)

(3) कब तक पुकारूँ (उपन्यास)

(4) अंगारे न बुझे (कहानी संग्रह)

(5) पिघलते पत्थर (काव्य संग्रह)

(6) विरूढक (नाटक)

(7) संगम और संघर्ष (आलोचना)


भारतेंदु द्वारा रचित साहित्य –


SOLUTION

(1) भारत दुर्दशा

(2) सत्य हरिश्चंद्र

(3) अंधेर नगरी

(4) चंद्रावली

(5) नीलदेवी

(6) वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति

(7) प्रेम-माधुरी

(8) प्रेम-तरंग

(9) प्रेमाश्रु-वर्णन

(10) कृष्ण-चरित्र

(11) भारत-वीरत्व

(12) विजयिनी

(13) विजय-वल्लरी

(14) पूर्णप्रकाश

(15) चंद्रप्रभा

(16) कश्मीर-कुसुम

(17) रामायण का समय

(18) महाराष्ट्र देश का इतिहास।


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Hindi - Yuvakbharati 11th Standard Balbharti Solutions for HSC Maharashtra State Board


 • Chapter 1: प्रेरणा

 • Chapter 2: लघुकथाएँ (उषा की दीपावली, मुस्कु राती चोट)

 • Chapter 3: पंद्रह अगस्त

 • Chapter 4: मेरा भला करने वालों से बचाएँ

 • Chapter 5.1: मध्ययुगीन काव्य - भक्ति महिमा

 • Chapter 5.2: मध्ययुगीन काव्य - बाल लीला

 • Chapter 6: कलम का सिपाही

 • Chapter 7: स्वागत है !

 • Chapter 8: तत्सत

 • Chapter 9: गजलें (दोस्ती, मौजूद)

 • Chapter 10: महत्त्वाकांक्षा और लोभ

 • Chapter 11: भारती का सपूत

 • Chapter 12: सहर्ष स्वीकारा है

 • Chapter 13: नुक्कड़ नाटक (मौसम, अनमोल जिंदगी)

 • Chapter 14: हिंदी में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएँ

 • Chapter 15: समाचार : जन से जनहित तक

 • Chapter 16: रेडियो जॉकी

 • Chapter 17: ई-अध्ययन : नई दृष्टि


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Chapter 11 - भारती का सपूत Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board







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