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Chapter 6 - कलम का सिपाही Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board

Chapter 6: कलम का सिपाही


लिखिए :

प्रेमचंद का व्यक्तित्व अधिक विकसित होता है, जब.....

(१) ________________________

(२) ________________________



SOLUTION

(१) वह निम्न मध्यवर्ग और कृषक वर्ग का चित्रण करते हुए अपने कृषक युग की प्रतिगामी शक्तियों का विरोध करते हैं।

(२) वे एक श्रेष्ठ विचारक और समाज सुधारक के रूप में प्रकट या सहोते हैं।




प्रेमचंद लिखित निम्नलिखित रचनाओं का वर्गीकरण कीजिए -

(कफन, प्रतिज्ञा, बूढ़ी काकी, निर्मला, नमक का दरोगा, गोदान, रंगभूमि, सेवासदन)

कहानी

उपन्यास

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 



SOLUTION

कहानी

उपन्यास

कफन

प्रतिज्ञा

बूढ़ी काकी

गोदान

नमक का दरोगा

रंगभूमि

 

सेवासदन

 

निर्मला



निम्नलिखित पात्रों की विशेषताएँ - 

होरी



SOLUTION

होरी प्रेमचंद जी द्वारा रचित विख्यात उपन्यास 'गोदान' का मुख्य पात्र है। वह जीवन के अनेक संघर्षों का सामना करने वाले एक साधारण किसान का प्रतिनिधित्व करता है, जो भूख, बीमारी, उपेक्षा और मौत से लड़ता रहा है। होरी जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है। बहुत कम उम्र में ही वह वृद्ध दिखाई देता है। होरी महाजनों के क्रूर शोषण चक्र में फँसा हुआ है। उस पर धर्म, नैतिकता, संस्कारों और आदर्शों का गहरा दबाव है। वह परंपराओं, रूढ़ियों और धार्मिक कुरीतियों का शिकार है।



अलोपीदीन


SOLUTION

अलोपीदीन: अलोपीदीन प्रेमचंद जी द्वारा लिखित बहुचर्चित कहानी 'नमक का दरोगा' का एक पात्र है, जो अपने इलाके का प्रभावशाली जमींदार है। समाज में उसका बोलबाला है। वह धन का उपासक है। हमेशा रिश्वत देकर अपने कालाबाजारी के काम निकलवाता है। उसका मानना है कि लक्ष्मी के आगे सब कमजोर हैं।



वंशीधर


SOLUTION

वंशीधर : वंशीधर एक साधारण निम्न मध्यमवर्गीय परिवार का युवक है। वह ब्रिटिश शासन में पुलिस महकमे का एक ईमानदार और कर्तव्यपरायण अधिकारी है और एक प्रतिष्ठित पद पर कार्यरत है। वह रिश्वत और चापलूसी से घृणा करता है। वंशीधर नमक के अवैध कारोबार के सिलसिले में अलोपीदीन को गिरफ्तार करने में जरा भी नहीं हिचकता। भले ही इसके परिणामस्वरूप उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ता है।



   

निम्नलिखित भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए :

अपत्य - ______

अपथ्य - ______



SOLUTION

अपत्य – संतान

अपथ्य – अहितकर



 कृपण – ______

कृपाण – ______


SOLUTION

 कृपण – कंजूस

कृपाण – छोटी तलवार



श्वेत – ______

स्वेद – ______


SOLUTION

श्वेत – सफेद

स्वेद – पसीना



पवन – ______

पावन – ______


SOLUTION

पवन – वायु

पावन – पवित्र

'


वस्तु – ______

वास्तु – ______


SOLUTION

वस्तु – चीज

वास्तु – भवन



व्रण – ______

वर्ण – ______


SOLUTION

व्रण – घाव

वर्ण – रंग



शोक – ______

शौक – ______


SOLUTION

शोक – दुख

शौक – विशेष रुचि



दमन – ______

दामन – ______


SOLUTION

दमन – दबाना

दामन – आचाल



   

   

 

‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए।



SOLUTION

भारत एक कृषिप्रधान देश है। यहाँ आज भी अधिकांश लोग कृषि पर ही निर्भर करते हैं। हमारे देश का कृषक कर्ज में ही जन्म लेता है और जिंदगी भर कर्जदार ही बना रहता है। कभी खाद के लिए, कभी बीज के लिए और कभी बीमारी के इलाज के लिए कृषकों को जब-तब महाजनों से कर्ज लेना ही पड़ता है। कृषक को हर ऋतु में काम करना होता है। चाहे कितनी ही गरमी हो, वर्षा हो या सर्दी हो। गरमी की तपती दुपहरी में जब अन्य लोग छाया और हवादार स्थानों में विश्राम करते हैं, उस समय कृषक खेतों में काम कर रहा होता है। वर्षा के समय भी उसे खेतों में कभी गोड़ाई व कभी निराई करना होता है। कड़ाके की सर्दी में वह रात को खुले खेतों में फसल की चौकसी करता है। कृषक अपना खून-पसीना एक करके अन्न उपजाता है। जो दूसरों को अन्न देता है, वह स्वयं बहुत अधिक की कामना नहीं करता। बस चाहता है कि उसके परिवार को भरपेट भोजन मिल जाए। अधिकतर कृषकों का स्वास्थ्य दिनोंदिन गिरता जाता है और अंत में बीमारी और भुखमरी का शिकार होकर वे दुनिया से कूच कर जाते हैं। हालांकि भारत सरकार किसानों के लिए अनेक प्रकार की योजनाएँ चलाती रहती है परंतु यह सरकारी मदद किसानों तक पहुँचती ही नहीं है।



‘ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सफलता के सोपान हैं’, इस विषय पर अपना मत लिखिए।


SOLUTION

ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा सफलता के सोपान हैं। ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा व्यक्ति को सभी परेशानियों से मुक्त और निडर बनाती हैं। ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ होना आसपास के लोगों का विश्वास, खुशियों व आशीर्वाद जैसी बहुत-सी चीजें प्राप्त करने में एक व्यक्ति की मदद करता है। आज की दुनिया छल, कपट, झूठ और फरेब की दुनिया है। अनेक लोग ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों के स्थान पर छल, फरेब, धोखाधड़ी, बेईमानी को अधिक महत्त्व देते हैं। वे अपनी धूर्तता को कूटनीति का नाम देते हैं। वे नहीं जानते कि जीवन में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा का बहुत महत्त्व है। झूठ और कपट का भंडाफोड़ एक-न-एक दिन अवश्य होता है। लोगों को एक बार धोखा दिया जा सकता है। लेकिन चालाकी से उन्हें बार-बार मूर्ख बनाना कठिन है। आज वही व्यक्ति उन्नति कर सकता है, जिसके कार्य का आधार ईमानदारी हो, जिसका चरित्र बेदाग हो। कोई भी व्यक्ति यदि पूरी ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा के साथ कार्य करे तो उसे उच्चतम पद पर पहुँचने से कोई नहीं रोक सकता। कई ऐसे लोग होते हैं, जो घटिया दर्जे के उपायों के द्वारा कम समय में धन तो कमा लेते हैं, परंतु समाज में उन्हें प्रतिष्ठा नहीं मिल पाती।


रूपक के आधार पर प्रेमचंद जी की साहित्यिक विशेषताएँ लिखिए।


SOLUTION

युग प्रवर्तक प्रेमचंद जी के साहित्य में तत्कालीन समाज और इतिहास बोलता है। इनकी रचनाएँ ग्रामीण जीवन की झाँकियों से ओतप्रोत है। उसमें शिक्षा, शोषण, शोक, हर्ष, मोह, लिप्सा का अत्यंत सजीव चित्रण हुआ है। इनका दृष्टिकोण सर्वत्र मानवतावादी था। प्रेमचंद जी की शैली अत्यंत आकर्षक तथा मार्मिक है। अपने उपन्यासों में उन्होंने मजदूर और किसान से लेकर पूँजीपतियों तक के ऐसे स्वाभाविक चित्र उपस्थित किए हैं कि समाज का वास्तविक रूप सामने आ जाता है। समाज-सुधार संबंधी समस्याओं को सामने रखकर उन्होंने इनका सही हल खोजने का प्रयत्न किया है मुंशी प्रेमचंद एक क्रांतिकारी लेखक थे। प्रेमचंद शताब्दियों से पद-दलित, अपमानित और निष्पोषित कृषकों की आवाज थे, पर्दे में कैद, पद पद पर लांछित और असहाय नारी जाति की महिमा के जबरदस्त वकील थे। गरीबों और बेकसों के मसीहा थे।



पाठ केआधार पर ग्रामीण और शहरी जीवन की समस्याओं को रेखांकित कीजिए।


SOLUTION

ग्रामीण जीवन : भारत गाँवों का देश है। यहाँ की अधिकतम जनता आज भी गाँवों में निवास करती है और कृषि कार्य से जुड़ी है। किसानों की बड़ी दयनीय स्थिति है। वह सदैव कर्ज के बोझ से दबा रहता है। गांव में आज भी मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है। खेती के साधन हों या घर-गृहस्थी का सामान, गाँववासियों को शहरों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। यहाँ विकास की गति अत्यंत मंद है। गांवों में आज भी शिक्षा का साम्राज्य है। अनेक गाँवों में स्कूल नहीं हैं, स्कूल है तो शिक्षक नहीं हैं। इसी प्रकार वहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं का भी अभाव है। या तो अस्पताल नहीं हैं, अस्पताल है तो डॉक्टर नहीं हैं। परिवहन के साधनों का नितांत अभाव है।

शहरी जीवन : पिछले कुछ दशकों से ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में रहने वाले लोग रोजगार की तलाश में बेतहाशा शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। शहरों में आवास की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वहाँ दड़बेनुमा मकानों की भीड़ बढ़ती जाती है। जिधर दृष्टि जाती है, रंग-बदरंग, ऊल-जलूल बेतरतीब मकान-ही-मकान दिखाई पड़ते हैं। बिजली, पानी, सीवर, सड़क और परिवहन प्रणाली की कमी है। शहर कूड़े का ढेर बनते जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर वाहनों से होने वाला प्रदूषण, लगातार होने वाला शोर, भीड़, धुआँ असहज महसूस कराता है। देर रात तक ऑफिस, दुकानें खुली रहती हैं। बस, ट्रेन, टैक्सियाँ, स्कूटर्स सड़कों पर दौड़ते रहते हैं। भीड़भाड़, ट्रैफिक जाम और अपराध नगरों में रोज की बात है।



जानकारी दीजिए :

डॉ. सुनील केशव देवधर जी लिखित रचनाएँ-



SOLUTION

(1) मत खींचो अंतर रेखाएँ (काव्य संग्रह)

(2) मोहन से महात्मा

(3) आकाश में घूमते शब्द (रूप संग्रह)

(4) संवाद अभी शेष है।

(5) संवादों के आईने में (साक्षात्कार)



रेडियो रूपक की विशेषताएँ-


SOLUTION

रेडियो एक श्रव्य माध्यम है। रेडियो रूपक विधा का विकास नाटक से हुआ है। इसका मंचन अदृश्य होता है। इसका क्षेत्र अत्यंत विकसित है। दृश्य-अदृश्य जगत के किसी भी विषय, वस्तु या घटना पर रेडियो रूपक लिखा जा सकता है। यह ध्वनि और संगीत

का समन्वित रूप है। क्योंकि इसे केवल सुना जा सकता है। इसके प्रस्तुतीकरण का ढंग रोचक, सहज, प्रवाहमयी तथा संवादात्मक होता है।



कोष्ठक की सूचना के अनुसार काल परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए -

मछुवा नदी के तट पर पहुँचा । (सामान्य वर्तमानकाल)



SOLUTION

मछुवा नदी के तट पर पहुँचता है।



एक बड़े पेड़ की छाँह में उन्होंने वास किया। (अपूर्ण वर्तमानकाल)


SOLUTION

एक बड़े पेड़ की छाँह में वे वास कर रहे हैं।



आदमी यह देखकर डर गया। (पूर्ण वर्तमानकाल)



SOLUTION

आदमी यह देखकर डर गया है।



वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हो रहे हैं। (सामान्य भूतकाल)


SOLUTION

वे वास्तविकता की ओर अग्रसर हुए।



उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ता है। (अपूर्ण भूतकाल)


SOLUTION

उन लोगों को अपनी ही मेहनत से धन कमाना पड़ रहा था।



बबन उसे सलाम करता है। (पूर्ण भूतकाल)


SOLUTION

बहन ने उसे सलाम किया था।



हम स्वयं ही आपके पास आ रहे थे। (सामान्य भविष्यकाल)


SOLUTION

हम स्वयं ही आपके पास आएँगे।



साहित्यकार अपनेसामयिक वातावरण सेप्रभावित हो रहा है। (सामान्य भूतकाल)


SOLUTION

साहित्यकार अपने सामाजिक वातावरण से प्रभावित हुआ।


आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसने लगता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)


SOLUTION

आकाश का प्यार मेघों के रूप में धरती पर बरसने लगा है।



आप सबको जीत सकते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)


SOLUTION

आप सबको जीत सकेंगे।


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Hindi - Yuvakbharati 11th Standard Balbharti Solutions for HSC Maharashtra State Board


 • Chapter 1: प्रेरणा

 • Chapter 2: लघुकथाएँ (उषा की दीपावली, मुस्कु राती चोट)

 • Chapter 3: पंद्रह अगस्त

 • Chapter 4: मेरा भला करने वालों से बचाएँ

 • Chapter 5.1: मध्ययुगीन काव्य - भक्ति महिमा

 • Chapter 5.2: मध्ययुगीन काव्य - बाल लीला

 • Chapter 6: कलम का सिपाही

 • Chapter 7: स्वागत है !

 • Chapter 8: तत्सत

 • Chapter 9: गजलें (दोस्ती, मौजूद)

 • Chapter 10: महत्त्वाकांक्षा और लोभ

 • Chapter 11: भारती का सपूत

 • Chapter 12: सहर्ष स्वीकारा है

 • Chapter 13: नुक्कड़ नाटक (मौसम, अनमोल जिंदगी)

 • Chapter 14: हिंदी में उज्ज्वल भविष्य की संभावनाएँ

 • Chapter 15: समाचार : जन से जनहित तक

 • Chapter 16: रेडियो जॉकी

 • Chapter 17: ई-अध्ययन : नई दृष्टि


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Chapter 6 - कलम का सिपाही Balbharati solutions for Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board







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